बाजार जनवरी के स्तरों से अच्छा खासा गिर चुका है और अब वैल्युएशंस की बात की जा रही है लेकिन इसके बावजूद हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स
एमके शेयर ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स के बिजनेस हेड अखिलेश सिंह का कहना है कि एचएनआई में से कई ऐसे होते हैं जो बाजार में सीधे कारोबार करते हैं और कुछ होते हैं जो पीएमएस के जरिए बाजार में पैसा लगाते हैं। और इस बाजार में उन्हीं बड़े निवेशकों को ज्यादा नुकसान हुआ जो सीधे बाजार में पैसा लगा रहे थे। किसी ने भी नहीं सोचा था कि बाजार इतना गिर जाएगा और उन्हें लगता भी नहीं कि बाजार में फिलहाल ज्यादा सुधार आएगा
, इसी वजह से अब वे बाजार में पैसा लगाने से कतरा रहे हैं।
एमके की पीएमएस स्कीम में निवेश की न्यूनतम राशि
50 लाख रुपए की है लेकिन यह फर्म अब इस सीमा को कम करने की सोच रहा है। सिंह का कहना है कि कई एचएनआई अपना पैसा इस बाजार में गंवा चुके हैं और जो बडे एचएनआई हुआ करते थे अब छोटे हो गए हैं।
पीएमएस स्कीम सेवाएं मुहैया कराने वाली कोटक सेक्योरिटीज जैसी फर्मों में अलग अलग प्रोडक्ट्स में न्यूनतम निवेश एक करोड़ से लेकर 10 लाख तक का है। ये प्रोडक्ट 18 से 26 महीनों के हैं। फर्म के वाइस प्रेसिडेंट बी गोपाल कुमार का मानना है कि इक्विटी एक असेट क्लास के रूप में अगले 6-8 महीने तो रहेगा ही, लेकिन साथ ही कैपिटल गारंटी के प्रोडक्ट, डेट और साने जैसी असेट में मांग बढ़नी शुरू हो चुकी है।
कई पोर्टफोलियों मैनेजरों ने बिकवाली तभी शुरू कर दी थी जब सेंसेक्स
18-19 हजार पर था और कई ऐसे थे जिन्होने तभी खरीदारी की जब बाजार तेजी पर था और भारी नुकसान उठाया। हालांकि ऐसे बाजार में कई ऐसे पीएमएस फर्में हैं जो इस मौके को नया पोर्टफोलियो बनाने में इस्तेमाल करना चाहती हैं।मोतीलाल ओसवाल के पास तीन प्रोडक्ट हैं और उसने अभी नया प्रोडक्ट भी लांच कर दिया है। फर्म के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर– पीएमएस धीरज अग्रवाल के मुताबिक नई स्कीम के तहत ऐसे 5-7 स्टॉक्स को चुना जाएगा जिन्हे बाजार ने बिलकुल अनदेखा कर रखा है। उनका कहना है कि निवेशक चिंतित जरूर हैं लेकिन अब भी लंबी अवधि के लिए निवेश करने को तैयार हैं।