विकास की महत्वाकांक्षी राह पर चल रहा निजी क्षेत्र का देश का सबसे बड़ा ऋणदाता एचडीएफसी बैंक अपने कार्यबल का विस्तार करने और कर्मचारियों द्वारा नौकरी छोड़ने की दिक्कत से निपटने के लिए योजना पर जोर दे रहा है। मार्च 2022 और सितंबर 2023 के बीच एचडीएफसी बैंक ने 56,310 कर्मचारियों को काम पर रखा। इससे कर्मचारियों की कुल संख्या 1,97,889 हो गई। दूसरे शब्दों में कहें तो बैंक के एक-चौथाई से अधिक कर्मचारियों को पिछले 18 महीने में वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद शामिल किया गया था।
हाल में बिजनेस स्टैंडर्ड के बीएफएसआई इनसाइट समिट कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी नौकरी छोड़ने के मसले का जिक्र किया था। निजी बैंकों में नौकरी छोड़ने की दर अधिक होने का जिक्र करते हुए उन्होंने उनको एक कोर टीम बनाने की सलाह दी और कहा, ‘हमारी इस पर काफी करीब से नजर है। वक्त बदल गया है और बैंकों को भी नौकरी छोड़ने की इस दर पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।’
हालांकि वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही के लिए अन्य बैंकों के कर्मचारियों के आंकड़े नहीं है, लेकिन भारत के शीर्ष बैंकों के पिछले कुछ वर्षों के संबंध में कैपिटालाइन के आंकड़ों से पता चलता है कि एचडीएफसी बैंक कर्मचारियों को काम पर रखने के मामले में सबसे ज्यादा आक्रामक रहा है।
एचडीएफसी बैंक का लक्ष्य महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का भी है। यह बात प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी शशिधर जगदीशन के दृष्टिकोण के अनुरूप है। कोविड के दो साल के दौरान कम नियुक्तियों के बावजूद बैंक ने पिछले पांच साल में अपनी महिला कर्मचारियों की संख्या दोगुनी से अधिक कर ली है, जो 31 मार्च, 2023 तक 17,500 से बढ़कर 39,200 हो गई।
इस तरह बैंक में महिला कर्मचारियों की हिस्सेदारी 30 सितंबर, 2023 तक बढ़कर 24.20 प्रतिशत हो गई, जो 31 मार्च, 2022 तक 19.07 प्रतिशत थी। नाम न छापने की शर्त पर बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कुछ बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी के अनुरूप इसे कम से कम 35 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
संसाधन जुटाने के प्राथमिक उद्देश्य से बैंक तेजी से शाखाएं खोल रहा है। यह कवायद पिछले साल अप्रैल में एचडीएफसी संग विलय की घोषणा के बाद से ही शुरू हो गई थी। इसने पिछले एक साल में 1,446 शाखाएं जोड़ी हैं, जो शायद किसी भारतीय बैंक द्वारा खोली गई सबसे अधिक शाखाएं है।
अधिकारी ने कहा कि बैंक विस्तार पर विचार कर रहा है और शाखाओं में काम करने के लिए स्वाभाविक रूप से बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत होगी। यह संख्या हमारी वृद्धि योजनाओं के अनुपात में होगी।