Green bonds: भारतीय रिजर्व बैंक ने रद्द की ग्रीन बॉन्ड की नीलामी

ग्रीनियम का मतलब निवेशकों की तरफ से चुकाया जाने वाला प्रीमियम है, जो वह उसके सस्टैनिबिलिटी इंपैक्ट के लिए चुकाने की इच्छा रखता है।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- May 31, 2024 | 10:34 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को पहली बार 10 वर्षीय ग्रीन बॉन्ड की नीलामी रद्द कर दी क्योंकि ट्रेडरों ने इस पर ग्रीनियम का भुगतान करने से इनकार कर दिया। डीलरों ने यह जानकारी दी। ग्रीनियम का मतलब निवेशकों की तरफ से चुकाया जाने वाला प्रीमियम है, जो वह उसके सस्टैनिबिलिटी इंपैक्ट के लिए चुकाने की इच्छा रखता है।

अगली छमाही में ग्रीन बॉन्ड इस्यू करने के पैटर्न से हटते हुए सरकार की योजना मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में 12,000 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड जारी करने की है। 10 साल वाले ग्रीन बॉन्ड दो चरणों में 6,000-6,000 करोड़ रुपये जारी किए जाने की योजना है।

एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, बोली 7 फीसदी से 7.06 फीसदी के बीच थी, जिसे आरबीआई देने को तैयार नहीं था। नीलामी के समय बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड 6.99 फीसदी पर कारोबार कर रहा था। बेंचमार्क 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड का यील्ड शुक्रवार को 6.98 फीसदी पर टिका, जो गुरुवार को 7 फीसदी रहा था।

ग्रीन बॉन्डों के जरिये जुटाई जाने वाली रकम सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजना को आवंटित होंगी, जो अर्थव्यवस्था में कार्बन घटाने को लेकर लक्षित हो। निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, मेरा मानना है कि आरबीआई को लगा कि बाजार में अभी दिलचस्पी नहीं है।

वे अगले हफ्ते वापस आ सकते हैं जब बाजार को चुनाव नतीजे के बाद स्पष्टता मिलेगी। विदेशी विनिमय बाजार में आरबीआई ने डॉलर बिक्री के जरिये हस्तक्षेप किया, जिसने रुपये को और गिरने से रोका।

First Published : May 31, 2024 | 9:42 PM IST