पिछले हफ्ते अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना में मारे गए राजकोट के नरसीभाई सागपारिया के अंतिम संस्कार में शामिल उनके परिजन।
पिछले दिनों हुए एयर इंडिया विमान हादसे के बाद केंद्र सरकार हरकत में है। वित्त मंत्रालय आगे ऐसा कोई हादसा होने पर तुरंत दावे निपटाने की प्रणाली बनाने और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए व्यापक मानक प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के लिए बीमा कंपनियों के साथ जल्द बैठक कर सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘हमें अपने बीमा उद्योग को ऐसी किसी विपदा के लिए तैयार करने की जरूरत है। इसलिए एहतियात के तौर पर हम कंपनियों को ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए योजना बनाने को कहेंगे।’ किंतु इस बारे में पता करने के लिए वित्त मंत्रालय को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।
अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) से कहा है कि बीमा कंपनियों को इस हादसे से जुड़े दावे तेजी से निपटाने की ताकीद की जाए। अधिकारी के मुताबिक दावेदारों की दो प्रमुख श्रेणियां हैं – पहली उन लोगों की, जिनकी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी थीं और दूसरी, जिनका बीमा विमानन कंपनी द्वारा ली गई समूह बीमा पॉलिसी में था।
अधिकारी ने बताया, ‘सरकार ने बीमाकर्ताओं को एयर इंडिया विमान हादसे में शिकार हुए लोगों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्हें दोनों श्रेणियों के लिए अलग-अलग सूची बनाने और तेजी से निपटारे के लिए खास हेल्पडेस्क बनाने को कहा गया है।’ उन्होंने बताया कि अभी मृतकों की पहचान का काम चल रहा है और बीमा कंपनियां दावेदारों तक पहुंचने तथा बगैर परेशानी के दावे निपटाने की कोशिश कर रही हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने बीमा उद्योग के सूत्रों का हवाला देकर बताया था कि एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171 की दुर्घटना के बाद 13 से 15 करोड़ डॉलर के बीमा दावे आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें से अधिकांश दावे वैश्विक पुनर्बीमा कंपनियों के जिम्मे आ सकते हैं क्योंकि विमानन नीतियां अक्सर इस तरह बनी होती हैं कि प्राथमिक बीमा कंपननी जोखिम का बड़ा हिस्सा पुनर्बीमा के जरिये रीइंश्योरर पर डाल देता है।
इन दावों में तीन तरह की देनदारी शामिल होंगी: विमान को हुआ नुकसान, विमान पर सवार लोगों की मौत, जिसमें चालक दल के सदस्य शामिल हैं और तीसरे पक्ष की देनदारी क्योंकि जहां विमान गिरा वहां भी लोगों की जानें गईं। इसके अलावा कार्गो देनदारी भी होगी। उद्योग जगत के लोगों के मुताबिक विमान को नुकसान का दावा 8 करोड़ से 10 करोड़ डॉलर का हो सकता है। चालक दल के सदस्यों सहित विमान पर सवार यात्रियों की मौत तथा जमीन पर गिरने से आसपास के लोगों की मौत के लिए 5 करोड़ डॉलर के दावे किए जा सकते हैं।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी लाइफ जैसी प्रमुख जीवन बीमा कंपनियां तेजी से एयर इंडिया विमान हादसे के पीड़ित पॉलिसीधारकों के बीमा दावे निपटा रही है। एलआईसी ने तो पॉलिसियों के दावेदारों की परेशानियां कम करते हुए कई रियायतें देने की भी घोषणा की है।
कंपनी ने बयान जारी कर कहा है, ‘अगर पीड़ित परिजन के पास मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं है तो विमान दुर्घटना में पॉलिसीधारक की मृत्यु के किसी सरकारी प्रमाण अथवा अथवा केंद्र/राज्य या विमानन कंपनियों द्वारा दिए गए मुआवजे के ब्योरे को भी मृत्यु प्रमाण पत्र के तौर पर स्वीकार किया जाएगा।’
एलआईसी ने कहा कि पीड़ित परिवारों से संपर्क करने और दावों का निपटान जल्द से जल्द करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
इसी तरह बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस ने भी इस हादसे में मारे गए लोगों के आश्रितों अथवा चोटिल लोगों के दावों के भुगतान लिए एक खास दावा निपटान डेस्क स्थापित किया है। एचडीएफसी लाइफ ने बताया कि पॉलिसीधारकों के नॉमिनी अथवा कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा सरकार, पुलिस या अस्पताल द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण देकर दावा किया जा सकता है।