दूरसंचार वर्टिकल में निराशा बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के लिए प्रमुख अल्पावधि गतिरोध साबित हो सकती है। सितंबर तिमाही में ग्राहक वृद्घि के मोर्चे पर सफल नहीं रहने से आरआईएल के लिए ब्रोकरों द्वारा चालू और अगले वित्त वर्ष के लिए परिचालन लाभ और शुद्घ लाभ अनुमानों में 2.5 प्रतिशत तक की कमी की गई है। मूल्यांकन अल्पावधि तेजी सीमित करने वाला अन्य कारक हो सकता है।
इस शेयर में अगस्त के शुरू से अब तक 29 प्रतिशत की तेजी आई है, जो समान अवधि के दौरान सेंसेक्स के प्रतिफल की तुलना में करीब दोगुना है। जहां स्वच्छ ऊर्जा सॉल्युशनों में कंपनी का निवेश दीर्घावधि वृद्घि का कारक हो सकता है, वहीं कीमत में तेजी और मूल्यांकन उसके वित्त वर्ष 2023 आय के 25 गुना पर है, जो उसके मुख्य वर्टिकलों में अल्पावधि तेजी के लिए मुख्य कारक हो सकता है।
जेपी मॉर्गन के पिनाकिन पारेख का कहना है, ‘हमारी नजर में चूंकि मुख्य सेगमेंटों (तेल से लेकर केमिकल या ओ2सी, रिटेल और जियो) से महंगे मूल्यांकन का असर दिख रहा है, जिससे रेटिंग में बदलाव ऊंची अक्षय ऊर्जा विकल्प की वैल्यू से दर्ज किया जाएगा।’
इस शेयर के लिए सोमवार को मुख्य कारक सितंबर तिमाही का प्रदर्शन हो सकता है, जो दूरसंचार खंड को छोड़कर काफी हद तक अनुरूप रहा। पांच साल पहले अपनी शुरुआत के बाद से पहली बार रिलायंस जियो ने शुद्घ ग्राहक वृद्घि में गिरावट दर्ज की। अपने नेटवर्क में 3.6 करोड़ ग्राहकों की सात तिमाही ऊंची सकल वृद्घि के बावजूद 4.7 करोड़ ग्राहकों ने इस दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी को अलविदा कहा, जिसकी वजह से 1.1 करोड़ ग्राहकों की शुद्घ गिरावट दर्ज की गई।
कंपनी ने संकेत दिया है कि यह बदलाव काफी हद तक उन ग्राहकों की वजह से दर्ज किया गया था जिन्होंने दूसरी लहर के बाद रिचार्ज कराए, जिसका कंपनी की 90 दिन की ग्राहक समीक्षा नीति को देखते हुए सितंबर तिमाही के आंकड़े में असर दिखा। जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषक दयानंद मित्तल का मानना है कि कुछ प्रभाव जियोफोन उपयोगकर्ताओं के निकल जाने (तीन वर्षीय लॉक-इन अवधि के बाद) की वजह से भी पड़ा, क्योंकि जुलाई-सितंबर 2018 में जियोफोन को पेश किया गया था और कई फ्लैश सेल की पेशकश की गई थीं। उनका यह भी कहना है कि तिमाही के पहले दो महीनों में 70 लाख की शुद्घ वृद्घि का मतलब है कि सितंबर का नुकसान 1.7 करोड़ ग्राहक पर रहेगा।
इसके दो कारण हैं: पहला है ज्यादा संख्या में जियोफोन उपयोगकर्ताओं द्वारा सेवा का इस्तेमाल नहीं करना और दूसरा है दर वृद्घि में विलंब। जेफरीज इक्विटी रिसर्च के विश्लेषकों का कहना है, ‘हमारा मानना है कि अल्पावधि में दर वृद्घि की संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि जियो ने ग्राहक वृद्घि और जियोफोन नेक्स्ट की पेशकश पर ज्यादा जोर दिया है।’ कंपनी ने ग्राहक जोडऩे और जियोफोन नेक्स्ट पर ध्यान केंद्रित किया है जिसे देखते हुए दिसंबर तिमाही की ग्राहकों की संख्या बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगी। जियो ने सितंबर तिमाही के अंत तक 42.95 करोड़ ग्राहकों की संख्या के साथ 50 करोड़ का आंकड़ा छूने का लक्ष्य रखा है, जबकि जून तिमाही के अंत में यह आंकड़ा 44.06 करोड़ था।
परिचालन मानकों पर सकारामक बदलावों में औसत प्रति उपयोगकर्ता राजस्व (एआरपीयू) में 3.8 प्रतिशत की वृद्घि और कुल आंकड़े में तिमाही आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्घि शामिल है। एक साल पहले की अवधि के मुकाबले नेटवर्क में डेटा बिक्री 50 प्रतिशत तक बढ़ी है, वहीं प्रति उपभोक्ता डेटा और वॉइस के लिए आंकड़ा भी मजबूत बना हुआ है। डिजिटल सेवा वृद्घि की रफ्तार महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस सेगमेंट के मुनाफे का कुल परिचालन लाभ में 35 प्रतिशत का योगदान है।
हालांकि रिटेल सेगमेंट में अच्छा सुधार दर्ज किया गया, क्योंकि कोविड से संबंधित हालात में सुधार आया है। इस सेगमेंट में 89 प्रतिशत स्टोर परिचालन में आ चुके हैं, जबकि जून तिमाही में यह आंकड़ा 61 प्रतिशत था। कोविड संबंधित प्रतिबंध हटनेे, ग्राहकों की संख्या बढ़ी है और यह तिमाही में कोविड-पूर्व स्तर के 78 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 46 प्रतिशत थी। प्रबंधन का मानना है कि त्योहारी सीजन में ग्राहकों की आवक कोविड-पूर्व स्तर के 90 प्रतिशत पर पहुंचेगी क्योंकि टीकाकरण की रफ्तार में तेजी आई है और संक्रमण घटा है।
हालात में सुधार का संकेत मुख्य रिटेल वृद्घि (पेट्रो रिटेल को छोड़कर) में दिखा है और इसमें तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई। फैशन और रिटेल सेगमेंट की बिक्री एक साल पहले की अवधि के मुकाबले दोगुनी हुई और इनमें सर्वाधिक तिमाही राजस्व दर्ज किया गया। मार्जिन भी 160 आधार अंक बढ़कर 6.4 प्रतिशत पर पहुंच गया।
तेल-रसायन व्यवसाय का परिणाम दलाल पथ के अनुमानों के अनुरूप रहा। बेहतर ईंधन एवं पेट्रो रसायन मांग से मजबूत राजस्व प्रदर्शन में मदद मिली, जबकि डाउनस्ट्रीम मार्जिन में सुधार से भी परिचालन लाभ को पिछले साल की तिमाही के मुकाबले ज्यादा ताकत मिली।
