कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड ने शनिवार को इक्विटी निवेश को बढ़ाने और लगभग 7 करोड़ सदस्यों के लिए अधिक आय प्राप्त करने के उद्देश्य से अहम फैसले लिए। बोर्ड ने अपने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) से होने वाली रिडेम्पशन आय का 50% फिर से इक्विटी में निवेश करने की मंजूरी दी।
यह मीटिंग चालू वित्त वर्ष में बोर्ड की पहली मीटिंग थी। पिछली मीटिंग फरवरी 2024 में हुई थी, जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.25% ब्याज दर तय की गई थी।
ETF रिडेम्पशन अवधि बढ़ाई गई
मीटिंग में ETF की रिडेम्पशन अवधि को मौजूदा 4 साल से बढ़ाकर 7 साल करने पर सहमति बनी। इसे चरणबद्ध तरीके से अगले 6 साल में लागू किया जाएगा, जिससे बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
अन्य परिसंपत्तियों में भी होगा निवेश
बोर्ड ने फैसला लिया कि बाकी रिडेम्पशन आय को सरकारी सिक्योरिटी और डेट इंस्ट्रूमेंट जैसे अन्य एसेट कैटेगरी में निवेश किया जाएगा।
2.3 लाख करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश
मार्च 2024 तक ईपीएफओ ने ETF में कुल 2.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो उसके कुल निवेश योग्य कोष का 9.49% है। ईपीएफओ ने अगस्त 2015 में S&P BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी50 आधारित ETF में 5% निवेश से शुरुआत की थी।
पेंशनरों को बड़ी राहत
केंद्रीय बोर्ड ने केंद्रीय पेंशन भुगतान प्रणाली (CPPS) को भी अंतिम मंजूरी दी। यह प्रणाली 31 दिसंबर से लागू होगी, जिससे पेंशनधारक देशभर में किसी भी बैंक शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे।
वर्तमान में यह परियोजना देश के 21 स्थानों पर पायलट आधार पर चल रही है। बोर्ड के एक सदस्य ने बताया, “इससे पेंशनधारकों को बड़ी राहत मिलेगी।”
इसके अलावा EPFO के केंद्रीय बोर्ड ने शनिवार को इक्विटी बाजार में अपने निवेश को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) से आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।
सूत्रों के अनुसार, “इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन बोर्ड ने इक्विटी बाजार में निवेश के लिए नियमों के तहत दूसरी परिसंपत्तियों में निवेश पर चर्चा की। इसका मकसद है सुरक्षित तरीके से ज्यादा आय कमाना।”