एलआईसी के बाद डेल्हिवरी घटाएगी आईपीओ का आकार!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:22 PM IST

लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता डेल्हिवरी अगले हफ्ते पेश होने वाले अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम का आकार घटा सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सॉफ्टबैंक समर्थित फर्म बाजार में उतारचढ़ाव के मौजूदा हालात को देखते हुए अपने आईपीओ का आकार 7,460 करोड़ रुपये से घटाकर 6,000 करोड़ रुपये कर सकती है। सूत्रों ने कहा, आईपीओ मेंं 4,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हो सकते हैं जबकि ओएफएस का हिस्सा 1,500 करोड़ रुपये हो सकता है। कंपनी का इरादा 15 मई से पहले आईपीओ पूरा करने का है, जिसमें नाकामी पर उसे ताजा वित्तीय आंकड़ों के साथ पेशकश दस्तावेज को अद्यतन करना होगा।
एक ऐसे की कदम के तहत सरकारी स्वामित्व वाली बीमा दिग्गज एलआईसी ने अपने आईपीओ का आकार घटाकर महज 21,000 करोड़ रुपये कर दिया जबकि पहले यह 60,000 करोड़ रुपये का अनुमानित था।
उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि कैंपस ऐक्टिवियर और रेनबो चिल्ड्रंस मेडिकेयर के हालिया आईपीओ को निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली, जिसने निवेश बैंकरों को भरोसा दिया है कि डेल्डिवरी का आईपीओ भी बेहतर रहेगा।
नवंबर में बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराए गए विवरणिका मसौदे  के मुताबिक डेल्डिवरी का इरादा नए शेयर जारी कर 5,000 करोड़ रुपये जुटाने का था, जिसमें से आधी रकम का इस्तेमाल खुद के दम पर बढ़त हासिल करने वाले पहल पर और करीब 1,250 करोड़ रुपये विलय-अधिग्रहण के मौके पर खर्च किया जाना था। आईपीओ में ओएफएस का हिस्सा 2,460 करोड़ रुपये का था। डेल्हिवरी का आईपीओ इस साल एलआईसी के बाद दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा और 2021 के बाद पांच अग्रणी आईपीओ में शामिल होगा। डीआरएचपी के मुताबिक, वित्त वर्ष 21 में यह कंपनी राजस्व के लिहाज से देश में सबसे तेज गति से बढ़त हासिल करने वाली पूर्ण एकीकृत लॉजिस्टिक्स कंपनी रही।
आईपीओ लाने के दौरान डेल्डिवरी में अपने बोर्ड में दिग्गजों मसलन जेपी मॉर्गन की पिछली चेयरमैन कल्पना मोरपरिया, इंडसइंड बैंक के पूर्व सीईओ व एमडी रमेश सोबती और मैरिको के पूर्व सीईओ व एमडी सौगत गुप्ता को स्वतंत्र निदेशक ते तौर पर नियुक्त कर बोर्ड को मजबूत किया है।
वित्त वर्ष 21 में डेल्हिवरी का शिपमेंट वॉल्यूम 28.92 करोड़ ऑर्डर रहा। फर्म का राजस्व वित्त वर्ष 2019 के 1,654 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 21 में 48.5 फीसदी की सालाना रफ्तार से 3,646 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2022 के पूरे साल के डेल्डिवरी के वित्तीय आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
आईपीओ पूर्व नोट में मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि देसी लॉजिस्टिक्स क्षेत्र काफी बड़े मौके की पेशकश कर रहा है क्योंंकि यह वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2026 के बीच 9 फीसदी की सालाना रफ्तार से 365 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। देसी ब्रोकरेज को उम्मीद है कि संगठित कंपनियां ज्यादा बढ़त दर्ज करेंगी क्योंंकि उनका ध्यान तकनीक व स्वचालन पर है।

First Published : May 2, 2022 | 12:49 AM IST