घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने निजी क्षेत्र के कर्जदाता इंडसइंड बैंक के दीर्घावधि डेट इंस्ट्रूमेंट को ‘रेटिंग वाच विद नेगेटिव इंप्लीकेशंस’ की श्रेणी में रखा है। दीर्घावधि इंस्ट्रूमेंट्स में 4,000 करोड़ रुपये के टियर-2 बॉन्ड और 1,500 करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड शामिल हैं।
बैंक से शीर्ष प्रबंधन के दो लोगों के हाल के इस्तीफे और बैंक के आंतरिक ऑडिट विभाग द्वारा माइक्रोफाइनैंस (एमएफआई) कारोबार की कुछ चिंताओं की चल रही जांच के खुलासे के बाद रेटिंग की कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही मार्च में बैंक ने कहा था कि उसके डेरिवेटिव्स के अकाउंटिंग में विसंगतियां पाई गई हैं।
इंडसइंड बैंक के शेयर बीएसई में 0.94 प्रतिशत गिरकर 825.35 रुपये पर बंद हुए। पिछले 2 महीनों में अब तक कुल जमाराशियों में कोई खास निकासी नहीं हुई है। 31 मार्च, 2025 तक बैंक के पास 4.11 लाख करोड़ रुपये जमा था और कासा (चालू खाता और बचत खाता) अनुपात 32.8 प्रतिशत था, जबकि 31 दिसंबर, 2024 तक यह क्रमश: 4.09 लाख करोड़ रुपये और 34.9 प्रतिशत था।
इस अवधि के दौरान कुछ खुदरा और छोटे कारोबारी ग्राहकों द्वारा जमा राशि से निकासी की गई है। यह जमाराशि 31 मार्च, 2025 को 1.85 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 31 दिसंबर, 2024 को 1.89 लाख करोड़ रुपये थी।