वित्त-बीमा

वित्त वर्ष 24 में केंद्र जारी करेगा 23,764 करोड़ रुपये का ग्रीन बॉन्ड

Published by
अरूप रायचौधरी
Last Updated- March 29, 2023 | 11:52 PM IST

वित्त वर्ष 2024 में केंद्र सरकार 23,764.46 करोड़ रुपये के सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड जारी कर सकती है। केंद्रीय बजट 2023 के व्यय प्रोफाइल दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 23 में 16,000 करोड़ रुपये के ग्रीन बॉन्ड जारी किए गए थे।

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने इसके पहले कहा था कि ग्रीन बॉन्ड वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही (अक्टूबर 23 से मार्च 24) में जारी किए जाएंगे, वहीं बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारी सॉवरिन ग्रीन फंड के लिए परियोजनाओं की सूची को अंतिम रूप दे रहे हैं और पहली छमाही (मार्च-सितंबर 2023) के दौरान कुछ बॉन्ड जारी किए जाने के विकल्प खुले हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बुनियादी ढांचा वित्त सचिवालय से उन परियोजनाओं को चिह्नित करने को कहा गया है, जो वित्त वर्ष 24 में ग्रीन बॉन्ड फंडिंग के मानदंडों को पूरा करते हैं। योजना बनाई जा रही है और हमने पहली छमाही में कुछ ग्रीन बॉन्ड जारी करने के विकल्प खुले रखे हैं।’

बजट दस्तावेजों में प्रस्तुत योजना के मुताबिक ज्यादातर ग्रीन बॉन्ड रेलवे (12,479 करोड़ रुपये) के इलेक्ट्रिक इंजन बनाने और नई कोलकाता मेट्रो लाइन बनाने के लिए होंगे।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को विभिन्न योजनाओं के लिए 7,507.5 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को विभिन्न मेट्रो रेल परियोजनाओं में इक्विटी निवेश के लिए 2,609 करोड़ रुपये मिलेंगे। पर्यावरण मंत्रालय के हिस्से 169 करोड़ रुपये आएगा।

सूत्रों ने कहा कि बहरहाल यह अनंतिम योजना है और इसमें कुछ और परियोजनाएं जोड़ी या इसमें से कुछ कम की जा सकती हैं।

इस मामले से जुड़े एक और अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में जारी होने वाले ग्रीन बॉन्ड की राशि की घोषणा संभवतः तत्काल नहीं की जाएगी, जैसा कि वित्त वर्ष 23 की दूसरी छमाही में किया गया था। व्यक्ति ने कहा, ‘वित्त वर्ष 23 से 16,000 करोड़ रुपये पहले से ही मौजूद है। ऐसे में वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में कोई नई ग्रीन परियोजना नए ग्रीन बॉन्ड से ही आएगी।’

केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल नवंबर में जारी ग्रीन बॉन्ड ढांचे के मुताबिक ग्रीन बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया से प्राप्त राशि भारत के संचित निथि में नियमित ट्रेजरी नीति की तरह ही जमा होगी और उसके बाद उसे पात्र ग्रीन परियोजनाओं को मुहैया कराया जाएगा।

इसकी 9 श्रेणियों में अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ परिवहन, जलवायु परिवर्तन स्वीकार्यता, टिकाऊ जल एवं कचरा प्रबंधन, प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण, ग्रीन बिल्डिंग्स,  प्राकृतिक संसाधनों का टिकाऊ प्रबंधन और जमीन का इस्तेमाल, स्थलीय और जलीय जैव विविधता संरक्षण शामिल है।

परियोजना में अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा कुशल इमारतें, सार्वजनिक परिवहन का विद्युतीकरण, जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचा, ऑर्गेनिक फॉर्मिंग, बाढ़ एवं जलवायु चेतावनी व्यवस्था, जमीन से लेकर समुद्री जैव विविधता परियोजनाएं शामिल होंगी।

केंद्र के ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क की सीआईसीईआरओ ने समीक्षा की है, जिसने स्वतंत्र राय जारी की है. इसने सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड ढांचे को आईसीएमए ग्रीन बॉन्ड सिद्धांतों से जोड़ने को मंजूरी दी है।

First Published : March 29, 2023 | 11:52 PM IST