डेट मार्केट में बॉन्ड यील्ड में मजबूती के कारण कंपनियां अपनी लोन जरूरतों को पूरा करने के लिए कमर्शियल बैंकों की ओर लौट सकती हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। SBI के प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और वैश्विक) राम मोहन राव अमारा ने कहा कि कंपनियां अब अपनी लोन की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों की ओर रुख कर रही हैं।
अमारा ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने देखा है कि वर्तमान तिमाही में डेट पेपर इश्यू करने की मात्रा में कमी आई है। पहली तिमाही में तीन लाख करोड़ रुपये के निर्गम हुए थे, जो अब कम हो गए हैं क्योंकि यील्ड बढ़ रहे हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘दस साल का यील्ड 6.6% तक बढ़ गया है, जबकि राज्य सरकारों के 30 साल के बॉन्ड के यील्ड 7.5% तक बढ़ गए हैं। अगर यील्ड इसी तरह बढ़ते रहे तो कंपनियां लोन के लिए बैंकों के पास वापस आएंगी।’’ उन्होंने कहा कि यह एक गतिशील स्थिति है और इसका आकलन करने की आवश्यकता है।
अमेरिका द्वारा उच्च शुल्क लगाए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव का पता चालू तिमाही में लगाया जा सकता है। इससे पहले, अमारा ने कहा था कि घरेलू बैंकों के पास ग्रोथ को फंडिंग करने के लिए पर्याप्त पूंजी है। बैंक नवीकरणीय ऊर्जा और स्टार्ट-अप जैसे उभरते क्षेत्रों को लोन देने के इच्छुक हैं।
(PTI इनपुट के साथ)