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Yes Bank Q2 Results: Q2 में मुनाफा 18% बढ़कर ₹654 करोड़ के पार, GNPA और नेट NPA में भी सुधार

दूसरी तिमाही में नेट इंटरेस्ट इनकम यानी NII भी 4.5 प्रतिशत बढ़कर 2,300.88 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल यह 2,200.44 करोड़ रुपये थी

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ऋषभ राज   
Last Updated- October 18, 2025 | 2:32 PM IST

यस बैंक ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस तिमाही बैंक का मुनाफा 654.5 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 553 करोड़ रुपये से 18.3 प्रतिशत ज्यादा है। इस बढ़ोतरी में दूसरे स्रोतों से आई कमाई और ब्याज खर्चों में कमी का बड़ा हाथ रहा। लेकिन अगर पहली तिमाही से तुलना करें, तो मुनाफा 801.06 करोड़ रुपये से 18.3 प्रतिशत गिर गया।

बैंक की प्री-प्रोविजन ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी PPOP में जोरदार उछाल आया। यह 1,296.50 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो साल दर साल 32.93 प्रतिशत की बढ़त है। पहले यह 975.27 करोड़ रुपये था। नेट इंटरेस्ट इनकम यानी NII भी 4.5 प्रतिशत बढ़कर 2,300.88 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल यह 2,200.44 करोड़ रुपये थी।

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एसेट क्वालिटी में सुधार, प्रोविजन में बढ़ोतरी

बैंक की एसेट क्वालिटी सितंबर 2025 में खत्म हुई तिमाही के दौरान लगभग स्थिर रही। ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स यानी GNPA थोड़ा बढ़कर 4,055.31 करोड़ रुपये हो गए, जो पिछली तिमाही के 4,022.14 करोड़ से ज्यादा हैं। लेकिन नेट NPA घटकर 770.8 करोड़ रुपये रह गया, पहले यह 797.3 करोड़ रुपये था। GNPA रेशियो 1.6 प्रतिशत पर टिका रहा, जबकि नेट NPA रेशियो 0.3 प्रतिशत पर स्थिर।

प्रोविजन इस तिमाही में 419 करोड़ रुपये किए गए, जो पिछली तिमाही के 284 करोड़ और पिछले साल के 297 करोड़ से ज्यादा हैं। यस बैंक के MD और CEO प्रशांत कुमार ने कहा कि एसेट क्वालिटी और मजबूत हुई है। नए स्लिपेज और ओवरड्यू बैलेंस में कमी आई, साथ ही प्रोविजन कवरेज रेशियो बेहतर हुआ। नेट इंटरेस्ट मार्जिन लगभग स्थिर रहा, जिसमें रिडफ बैलेंस कम होने और डिपॉजिट रेट में कटौती का असर पड़ा, जो एसेट रीप्राइसिंग के प्रभाव को बैलेंस कर गया।

बैंक की बैलेंस शीट पर नजर डालें, तो कुल डिपॉजिट 2,96,276 करोड़ रुपये पहुंच गए, जो साल दर साल 6.9 प्रतिशत और तिमाही दर तिमाही 7.4 प्रतिशत की बढ़त है। इसमें कैश डिपॉजिट्स ने अच्छा प्रदर्शन किया। नेट एडवांस 2,50,212 करोड़ रुपये हो गए, जिसमें 6.4 प्रतिशत सालाना और 3.8 प्रतिशत तिमाही बढ़त दर्ज हुई। रिटेल डिस्बर्समेंट में 19.8 प्रतिशत की जोरदार उछाल आई।

क्वार्टर के दौरान औसत लिक्विडिटी कवरेज रेशियो 125.1 प्रतिशत रहा, जबकि 30 सितंबर को यह 124.2 प्रतिशत था। CET वन रेशियो 13.9 प्रतिशत पर पहुंचा, जो पिछले साल 13.2 प्रतिशत और पिछली तिमाही 14.0 प्रतिशत था। प्रशांत कुमार ने बताया कि इन सबकी वजह से बैंक ने H1 FY26 में 0.7 प्रतिशत का ROA हासिल किया है। उन्होंने कहा कि वे FY27 तक 1 प्रतिशत RO का लक्ष्य हासिल करने के रास्ते पर मजबूती से चल रहे हैं। शुक्रवार को BSE पर यस बैंक के शेयर 3.81 प्रतिशत गिरकर 22.24 रुपये पर बंद हुए।

First Published : October 18, 2025 | 2:21 PM IST