यूनियन बैंक ने कहा है कि भले ही वह हाल-फिलहाल अपनी उधार की दरों पर इजाफा न कर रहा हो, लेकिन नेट इंट्रेस्ट मार्जिन पर लगातार बढ़ते दबाव के कारण वह भविष्य में सीआरआर बढ़ाए जाने की सूरत में अपनी दरों की समीक्षा कर सकता है।
यूबीआई के सीएमडी पीके गुप्ता ने बताया कि ब्याज दरों की सरंचना को बनाए रखना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। एनआईएम पर बहुत अधिक दबाव है। वर्तमान में उनकी बैंक अधि-कांश उधार दरों को पीएलआर से नीचे रख रही है। यहां सवाल यह उठता है कि कितने समय तक यह किया जा सकता है।
उन्होंने स्वीकार किया कि बैंक में धीमी क्रेडिट ऑफ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। यह मार्च 2008 के लेवल से कम है। उन्होंने कहा कि ब्याज की ऊंची दरों के कारण ही यह स्थिति निर्मित हुई है।