अक्टूबर की शुरुआत से ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में बदलाव हो जाएंगे। अक्टूबर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन नियम लागू हो जाएगा। आरबीआई ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड से होने वाले लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कार्ड टोकनाइजेशन को लागू करने का फैसला किया है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद से क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करते समय आपके कार्ड की डिटेल्स विक्रेता को देने की जरूरत नहीं होगी।
1 अक्टूबर से लागू होगा टोकनाइजेशन
बिजनेस टुडे के मुताबिक, आरबीआई 1 अक्टूबर 2022 से कार्ड टोकेनाइजेशन को देश भर में लागू करेगी।
कार्ड टोकेनाइजेशन के बाद किसी स्टोर, मॉल या दुकान में प्वाइंट ऑफ सेल (POS) मशीनों या फिर ऑनलाइन किसी ऐप के जरिए भुगतान करते समय, कार्ड की डिटेल्स विक्रेता के डेटाबेस में सेव नहीं होंगी बल्कि इसकी जगह एक इनक्रिप्टेड टोकन बनेगा जिसे विक्रेता सेव कर सकते हैं। आसान भाषा में कहें तो कोई भी पेमेंट कंपनी आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का डाटा जैसे- कार्ड नंबर, सीवीवी, एक्सपाइरी डेट आदि स्टोर नहीं कर सकेगी। इसके बदले पेमेंट एक वैकल्पिक जारी करना होगा, इस कोड को ही टोकन नाम दिया गया है।
कैसे कराएं कार्ड का टोकेनाइजे़शन?
अगर आप अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को टोकेनाइज करवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको टोकेन रिक्वेस्टर द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले एप पर आवेदन करना होगा। टोकेन रिक्वेस्टर आपके इस आवेदन को कार्ड नेटवर्क को फॉरवार्ड करेगा। फिर, कार्ड जारी करने वाले बैंक या एनबीएफसी की अनुमति ली जाएगी। इसके बाद आपको कंबिनेशन ऑफ कार्ड, टोकेन रिक्वेस्टर और डिवाइस के हिसाब से एक टोकेन दिया जाएगा।
टोकेनाइजेशन के लिए नहीं देना होगा कोई शुल्क?
डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के टोकेनाइजेशन के लिए कोई भी फीस जमा करने की जरुरत नहीं है।
क्या कार्ड का टोकेनाइजेशन अनिवार्य है?
कार्ड के टोकेनाइजेशन के लिए किसी तरह की कोई बाध्यता नहीं है। कार्ड का टोकेनाइज़ेशन करवाना या न करवाना ग्राहक की इच्छा पर है। अगर आप कार्ड का टोकेनाइजेशन नहीं करवाना चाहते तो भी आप पहले की तरह ही अपने कार्ड का इस्तेमाल और लेन-देन जारी रख सकते हैं।