स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (स्टैनचार्ट) अपने विस्तार के लिए तैयार है इससे ग्रामीण इलाकों में बैंक की उपस्थिति बढ़ेगी और इसकी पहचान उपभोक्ता फाइनैंस ब्रांड के रुप में होगी।
भारत में सबसे बड़ी बिदेशी बैंक स्टैन्चार्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 100 ग्रामीण शाखाएं खोलने की अनुमति मांगी है। इसके अतिरिक्त वार्षिक योजना के तहत बैंक इस वर्ष 40 नई शाखाएं और 300 एटीएम के लिए आरबीआई की स्वीकृति के लिए आवेदन किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या ग्रामीण इलाकों में पहुंच बढ़ाने का निर्णय यूपीए सरकार के समेकित विकास से प्रभावित है, यूके आधारित बैंक स्टैनचार्ट के समूह मुख्य कार्यकारी पीटर सैंड्स ने कहा, ‘ निश्चत ही। सभी बाजारों में, जहां कहीं भी हमारा परिचालन होता है, हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि वहां के लोग या सरकार क्या चाहती है।’
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक जिसकी देश की 33 शहरों में 83 शाखाएं हैं ने 2,500 लाख डॉलर के निवेश की घोषणा की है जिससे भारत में इसका पूंजी आधार बढ़ कर 1.9 अरब डॉलर हो जाएगा।
ऑर्गेनिक ग्रोथ (बैंक का अपनी नई शाखाएं खोल कर विस्तार करना) के अतिरिक्त स्टैंडर्ड चार्टर्ड, जिसने भारत के कोलकाता में अपनी पहला शाखा अप्रैल 1858 में खोली थी, का पिछले आठ वर्षों में जबर्दस्त विस्तार हुआ है। इस दौरान एएनजेड ग्रिंडलेज, अमेरिकन एक्सप्रेस और यूटीआई सिक्योरिटीज का इसने अधिग्रहण किया था।
बैंकिंग सेक्टर को अगले वर्ष विदेशी बैंकों के लिए खोले जाने के फैसले के मद्देनजर बैंक की यह विस्तार योजना महत्वपूर्ण लग रही है। अगले वर्ष से सरकार विदेशी बैंकों की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाईयों के परिचालन-सीमा को समाप्त कर उन्हें भारतीय बैंकों की तरह व्यवहार किया जाएगा। इससे विदेशी बैंकों को एक्सचेंजों में सूचीबध्द होने, इक्विटी डाइल्यूशन और अन्य बैंकों के अधिग्रहण (इक्विटी हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा 74 प्रतिशत) की अनुमति मिल जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की विस्तार योजना भारत में किसी विदेशी बैंक द्वारा उठाया जाने वाला पहला कदम है। सैंड्स ने कहा, ‘मै समझता हूं कि इससे बैंक को एक महत्वपूर्ण दर्जा मिलेगा। अगर हम ग्रामीण क्षेत्र के विस्तार की राह पर चलते हैं तो यह एक नाटकीय बदलाव होगा।’
छोटे शहरों में उपलब्ध कराए जाने वाले उत्पाद और मुहैया कराई जाने वाली सेवाएं निश्चत ही मेट्रो से भिन्न होगी। सैंड्स ने कहा, ‘बैंकिंग उत्पादों के प्रकार और उन्हें आप किस तरीके से उपलब्ध कराते हैं यह सब कुछ अलग होगा… वह उत्पाद जो ग्रामीण क्षेत्र के छोटे व्यवसायियों को पसंद आएगा भारत के बड़े कॉर्पोरेट घरानों को भाने वाले उत्पादों जैसा नहीं है।’
प्राइम फाइनैंशियल के आउटलेट्स स्टैंडर्ड चार्टर्ड की ग्रामीण शाखाओं की अनुपूरक होंगी। प्राइम फाइनैंशियल का स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने हांग कांग में अधिग्रहण किया था और यह कुछ समय पहले ही भारत में आया है।
सैंड्स ने कहा, ‘हम हमेशा यह चाहते हैं कि क्या खास पेश किया जाए। प्राइम फानैंशियल इसका उदाहरण है और दूसरा उदाहरण है यूटीआई सिक्योरिटीज। जिस प्रकार ग्राहकों की जरुरतें बढ़ रही हैं हम उन पर गौर कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘अक्सर ऐसा कहा जाता है कि अंतरराष्ट्रीय बैंक केवल प्रमुख कॉर्पोरेट घरानों और जनसंख्या के एक खास हिस्से को अपनी सेवाएं देने में ही दिलचस्पी रखती हैं। 100 ग्रामीण शाखाओं के लिए एकतरफा आवेदन देकर हम यह संकेत दे रहे हैं कि वास्तव में हम जनसंख्या और व्यावसायिक समुदाय के एक बड़े हिस्से को अपनी सेवाऐ देने के लिए तैयार हैं।’ कर्मचारियों की तलाश, बैंकिंग उद्योग के लिए एक मुद्दा है।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक इसके लिए दो दर्जन से अधिक बिजनेस स्कूल जा चुका है। पहले यह शीर्षस्थ पांच या छह इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ मैनेजमेंट से लोगों की भर्ती करेगा। वास्तव में इसने गैर-एमबीए की भर्ती भी शुरु कर दी है।
बैंक उभरते बाजारों के 40 लाख लोगों तक अपनी नहुंच बनाने के लिए 5,000 लाख डॉलर वाली माइक्रो फाइनैंस सुविधा शुरु करने जा रही है।भारत में इस बैंक का लक्ष्य इस वर्ष के दिसंबर तक 20 माइक्रो फाइनैंस संस्थाओं से गठजोड़ करने का है औश्र यह उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में अपना विस्तार करना चाहती है।