केंद्र सरकार उन बैंकों में कम से कम 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेगी, जिनका निजीकरण किया जाएगा। सरकार फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसबी) के दो बैंकों के निजीकरण पर विचार कर रही है। बैंकिंग कंपनी (अधिग्रहण एवं इकाइयों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1970 के प्रावधानों के अनुसार इस समय सरकार के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के किसी बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता खत्म करने के लिए सरकार संसद के आगामी सत्र में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करेगी। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार को अपनी हिस्सेदारी घटाकर 26 प्रतिशत करने की इजाजत मिल जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की न्यूनतम हिस्सेदारी घटकर 26 प्रतिशत हो जाती है तो संस्थागत एवं सार्वजनिक निवेश बढ़ जाएगा, जिससे सरकारी खजाने को बेहतर कमाई भी होगी। सूत्रों ने यह भी कहा कि इस कदम से सरकार को निजीकरण प्रक्रिया आगे बढ़ाने और विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में अच्छी खासी मदद मिलेगी।
इसके अलावा पूंजी के लिए बैंकों की सरकार पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।
प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार नए कानूनी प्रावधानों से सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ सलाह-मशविरे के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की निजीकरण योजना तैयार कर सकेगी। इस संशोधन विधेयक में कंपनी कानून, 1956 के प्रावधानों की जगह कंपनी कानून, 2013 के प्रावधान लाए जाएंगे। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अंकेक्षकों (ऑडिटर) से जुड़ी शर्तें भी होंगी।
विधेयक में निदेशकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नए प्रावधान भी होंगे। इसमें चेयरमैन, पूर्णकालिक निदेशक और निदेशक मंडल की सेवाओं से जुड़े नियम एवं शर्तें भी शामिल होंगी। इसके अलावा कानून में नई धाराएं शामिल की जएंगी, जिनसे प्रत्येक निदेशक के लिए कंपनी में अपने हितों का खुलासा करना अनिवार्य हो जाएगा।
बैंक अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णयों को कानूनी सुरक्षा देने के लिए एक नया प्रावधान लाया जाएगा। इसके तहत अगर किसी अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर अच्छी भावना से कोई निर्णय लिया है तो उसका प्रतिकूल या अवांछित परिणाम आने पर उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों से पहले के मुकाबले ज्यादा पेशेवर निदेशक मंडल तैयार करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने कहा कि इससे प्रबंध स्तर पर अधिक विशेषज्ञता वाले लोग आ सकेंगे और उन्हें बेहतर पारितोषिक भी प्रदान किया जा सकेगा।