देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने बुधवार को 7.75 फीसदी की कटऑफ दर पर 6,872 करोड़ रुपये के अतिरिक्ट टियर-1 (एटी-1) बॉन्ड जारी किए। इस वित्त वर्ष में किसी बैंक की यह सबसे कम कटऑफ दर है। बैंक ने पूंजी में मजबूती के लिए एक चरण में एटी-1 बॉन्ड के जरिए 7,000 करोड़ रुपये जुटाने की बात कही थी।
कई निवेशकों ने एसबीआई की पेशकश में दिलचस्पी दिखाई। मंगलवार को देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक की तरफ से तय एटी-1 बॉन्ड की कटऑफ दर 7.84 फीसदी रही थी। एक वरिष्ठ ट्रेजरी अधिकारी ने कहा, एसबीआई की पेशकश के बड़े हिस्से की पहले से ही मांग थी। कई इकाइयों मसलन टेक कंपनियों व अन्य ने उनसे बॉन्ड खरीदे। अधिकारी ने कहा, खबर थी कि कटऑफ दर 7.68 फीसदी के आसपास रहेगी। कुछ बोलियां उस दर पर लगाई भी गई, लेकिन सरकारी प्रतिभूतियों की मौजूदा दर को देखते हुए यह दर मोटे तौर पर संतोषजनक थी।
ज्यादातर लिक्विड 5वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल बुधवार को 7.04 फीसदी रहा, वहीं 10 वर्षीय बॉन्ड 7.18 फीसदी पर बंद हुए। एसबीआई का एटी-1 बॉन्ड के साथ पांच साल बाद कॉल ऑप्शन जुड़ा हुआ है। इस बीच, राज्य सरकार के 10 वर्षीय बॉन्ड की कटऑफ दर मंगलवार को 7.53 फीसदी रही थी। सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल कॉरपोरेट डेट की कीमतों के लिए बेंचमार्क होती हैं। 30 जून को एसबीआई का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 13.43 फीसदी था। उधर, बुधवार को बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 8.74 फीसदी की कटऑफ दर पर 710 करोड़ रुपये के एटी-1 बॉन्ड जारी किए।
बुधवार को जारी एटी-1 बॉन्ड को शामिल करते हुए इस वित्त वर्ष में बैंकों ने इसके जरिये कुल 18,376 करोड़ रुपये जुटाए हैं। मंगलवार को एचडीएफसी बैंक की तरफ से जुटाए गए 3,000 करोड़ रुपये को छोड़ दें तो बाकी रकम सरकारी बैंकों ने जुटाए हैं। पिछले वित्त वर्ष में बैंकों ने एटी-1 बॉन्ड के जरिये 42,800 करोड़ रुपये जुटाए थे।