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रिजर्व बैंक बढ़ा सकता है रेपो रेट

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:43 AM IST

बेलगाम होती महंगाई की दर ने वित्तीय क्षेत्र के दिग्गजों के होश उड़ा दिए हैं। शुक्रवार को महंगाई की दर 11.05 फीसदी पर जा पहुंची जिसकी उम्मीद नहीं की जा रही थी।


जाहिर है आसमान छूती इस महंगाई ने सरकार की भी नींद उड़ा दी है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक इससे निपटने के लिए जल्दी ही कड़े कदम उठा सकता है। हालांकि कई जानकार कह रहे हैं इस साल के आखिरी तक 15 फीसदी तक जा पहुंचेगी।

वित्तीय क्षेत्र के जानकारों को लग रहा है कि अब रिजर्व बैंक के पास रेपो रेट और सीआरआर जैसे हथियार इस्तेमाल करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा और रिजर्व बैंक जल्दी ही रेपो रेट में इजाफा कर सकता है। अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।

एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ का कहना है यह बढ़ोत्तरी दस दिनों के भीतर भी हो सकती है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक नगद आरक्षित अनुपात यानि सीआरआर दर में भी बढ़ोत्तरी कर सकता है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य सौमित्र चौधरी ने भी कहा कि डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी की वजह से महंगाई की दर में तेजी से वृध्दि हुई है और ब्याज दरों पर भी दबाव पड़ रहा है।

मुद्रास्फीति दर को काबू पाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दर और सीआरआर में बढ़ोत्तरी कर सकता है। इसका बैंकों की ब्याज दरों और ऋण दरों पर भी प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि ये बैंक पहले से ही लाभ पाने के लिए जूझ रहें हैं। एचएसबीसी बैंक केभारतीय अर्थव्यवस्था विशेषज्ञ  रॉबर्ट प्रीयर वेन्ड्सफोर्ड का कहना है कि भारत में थोक मूल्य सूचकांक दोहरे अंकों पर पहुंच गई है और जल्द ही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक केभी दोहरे अंकों में पहुंचने की संभावना है।

उन्होंने यह संभावना भी व्यक्त की कि साल के अंत तक मुद्रा स्फीति की दर 15 फीदसी तक पहुंच सकती है। मूडीस इकोनॉमी डॉटकाम के अर्थशास्त्री शर्मन चान का कहना है मुद्रास्फीति दर के रिजर्व बैंक के अनुमानों से भी ऊपर पहुंच जाने की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति को और कड़ा कर सकता है। इसके अलावा मंहगाई के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद वित्त्त मंत्री ने भी महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए प्रावधानों को कड़ा करने की चेतावनी दी है।

चान का कहना है कि इन दबावों केबीच रिजर्व बैंक सीआरआर और रेपो रेट को बढ़ाने के लिए जुलाई तक इंतजार नहीं कर सकता है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने हाल में ही रेपो रेट में बढ़ोत्तरी की थी। भारतीय रिजर्व बैंक  29 जुलाई को के्रडिट नीति की तिमाही समीक्षा पेश कर रहा है।

महंगाई की मार

जुलाई से पहले ही रेपो रेट और सीआरआर में 0.25 का इजाफा संभव
बैंक बढ़ा सकते हैं कर्ज की दरें सबसे अधिक असर पड़ सकता है रियल एस्टेट सेक्टर पर
दुपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री भी हो सकती है प्रभावित    

First Published : June 20, 2008 | 10:59 PM IST