भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज स्पष्ट किया कि आरबीएल बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है और उसकी वित्तीय स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। साथ ही कहा कि जमाकर्ताओं और शेयरधारकों को बैंक से जुड़ी अटकलों वाली खबरों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया किसी निजी बैंक में अतिरिक्त निदेशक की नियुक्ति तब की जाती है जब उसके बोर्ड को नियामकीय मामलों में मदद की जरूरत महसूस होती है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि आरबीएल की वित्तीय स्थिति अच्छी है और 30 सितंबर, 2021 की छमाही में अंकेक्षित परिणाम के अनुसार बैंक ने 16.33 का पूंजी पर्याप्तता अनुपात बनाए रखा है और उसका प्रावधान कवरेज अनुपात 76.6 फीसदी था। इसी तरह 24 दिसंबर को बैंक का तरलता कवरेज अनुपात 153 फीसदी था, जबकि नियामकीय जरूरत 100 फीसदी ही है।
बीएसई पर आरबीएल बैंक का शेयर आज 18.32 फीसदी गिरावट के साथ 140.90 रुपये पर बंद हुआ। आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विश्ववीर आहूजा के 23 दिसंबर से छुट्टी पर जाने और अंतरिम मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त किए जाने की खबर के बाद से बैंक के शेयर में गिरावट देखी जा रही है। बैंक आहूजा की जगह नया प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी भी तलाश रहा है। इस बीच बैंक ने 24 दिसंबर को एक अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है।
आरबीआई ने अपने स्पष्टीकरण से बैंक को लेकर कुछ हलकों में चल रही अटकलों को विराम देने का प्रयास किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि निजी बैंक में अतिरिक्त निदेशक की नियुक्ति बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36एबी के तहत तब की जाती है जब निदेशक मंडल को नियामकीय या पर्यवेक्षकीय सहायता की जरूरत महसूस होती है।
आरबीएल बैंक ने 28 अक्टूबर को अपने निवेशकों को आश्वस्त किया था कि उसकी कारोबारी योजना सुचारु रूप से चल रही है। बैंक ने कहा था कि कोविड महामारी की चुनौतियों से निपटने के बाद कारोबार और वित्तीय स्थिति लगातार सुधार रही है। बैंक की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ है। बैंक की जमा और उधारी में भी सुधार हुआ है।
आरबीएल बैंक के अंतरिम मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक राजीव आहूजा, जो पहले बैंक के कार्यकारी निदेशक थे, ने रविवार को बैंक की वित्तीय स्थिति के संबंध में चिंता दूर करने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा था कि हाल के घटनाक्रम का आरबीएल की परिसंपत्ति की गुणवत्ता से कोई संबंध नहीं है।
बैंक का निदेशक मंडल आहूजा के उत्तराधिकारी की तलाश में जुट गया है और यह प्रक्रिया 4 से 6 महीने में पूरी हो सकती है।
विश्लेषकों के साथ बातचीत में राजीव ने कहा था कि प्रबंधन टीम में पांच से सात लोग हैं जो पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। आंतरिक स्तर के साथ ही बोर्ड बाहर के लोगों पर भी विचार कर सकता है।
इस बीच ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉयीज एसोसिएशन ने कहा कि केंद्र को आरबीएल बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करनी चाहिए। केंद्र को आरबीएल का किसी सार्वजनिक बैंक के साथ विलय करने पर भी विचार करना चाहिए।