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RBI New Rule: क्या आपने भी ले रखा है लोन? तो जरूर जान लें CIBIL को लेकर नया नियम

RBI New Rule: आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे क्रेडिट स्कोर को शीघ्रता से अपडेट करें।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- August 10, 2024 | 12:27 PM IST

RBI New Rules: यदि कोई व्यक्ति लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुकाता या लोन का सेटलमेंट करता है, तो इसका उनके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है। इससे भविष्य में लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने CIBIL स्कोर को लेकर बैंकों और वित्तीय कंपनियों को नया निर्देश जारी किया है।

आइए, जानते हैं नए नियम के बारे में-

RBI के नए नियमों के तहत ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर (CIBIL) हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे क्रेडिट स्कोर को शीघ्रता से अपडेट करें। आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में इसकी घोषणा की है और कहा है कि हर 15 दिन में क्रेडिट डेटा को अपडेट किया जाएगा। साथ ही ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी हर दो सप्ताह में क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) को भेजने को कहा है। इससे क्रेडिट स्कोर तेजी से अपडेट होगा, जो बैंकों और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद होगा।

ग्राहकों का सिबिल स्कोर हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में अपडेट किया जा सकता है। क्रेडिट संस्थान (CI) और क्रेडिट सूचना कंपनियां (CIC) चाहें तो 15 दिनों के अंतराल में डेटा अपडेट करने के लिए अपनी निश्चित तारीखें भी तय कर सकती हैं। क्रेडिट संस्थानों के लिए हर महीने ग्राहक की क्रेडिट जानकारी CIC को देना अनिवार्य है।

इन लोगों को मिलेगा लाभ

यह कदम लोन लेने और देने वाले दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि सही क्रेडिट सूचना बैंक और एनबीएफसी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे वे बेहतर निर्णय ले सकेंगे कि किसे लोन देना है और किसे नहीं, साथ ही लोन की ब्याज दर निर्धारित करने में भी सहायता मिलेगी। अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को कम दर पर लोन मिलने का लाभ होगा, विशेषकर उन लोगों को जिनका लोन चुका दिया गया है और उनका क्रेडिट स्कोर सुधर गया है। इससे बैंक ग्राहकों का जोखिम मूल्यांकन अधिक सटीकता से कर सकेंगे और उन्हें सस्ती दरों पर लोन प्रदान कर सकेंगे।

डिफॉल्ट की संख्या में होगी गिरावट

यदि क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होता है, तो बैंकों के पास ग्राहकों का सटीक डेटा उपलब्ध रहेगा। इससे वे समझ सकेंगे कि कौन सा ग्राहक लोन चुकाने में सक्षम है और कौन नहीं। इस तरह, बैंक सही ग्राहक को उचित ब्याज दर पर लोन दे सकेंगे। इससे डिफॉल्ट की संख्या में भी कमी की उम्मीद है, क्योंकि किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में 15 दिन के भीतर सिबिल स्कोर अपडेट हो जाएगा।

 

 

First Published : August 10, 2024 | 12:27 PM IST