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पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:41 PM IST

कुछ भुगतान प्रदाताओं जैसे रेजरपे, पाइन लैब्स, स्ट्राइप और 1पे को भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इस मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक केंद्रीय बैंक से अन्य कारोबारियों को भी पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस की मंजूरी मिलने की संभावना है।
पेमेंट एग्रीगेटर्स वे इकाइयां हैं, जो ई-कॉमर्स साइटों और व्यापारियों को ग्राहकों की ओर से विभिन्न भुगतान माध्यमों से भुगतान स्वीकार करने की सुविधा मुहैया कराते हैं और इसके लिए व्यापारियों को खुद के लिए अलग से भुगतान एकीकरण व्यवस्था बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है। वे व्यापारियों को एक्वायरर्स से जुड़ने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस प्रक्रिया में  वे ग्राहकों से भुगतान पाते हैं, उसे अपने पास रखते हैं और एक निश्चित समय में व्यापारियों को हस्तांतरित करते हैं।
रिजर्व बैंक ने 2020 में दिशानिर्देश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि नियामक द्वारा मंजूरी पाने वाली फर्में धन ले सकती हैं और  व्यापारियों को भुगतान सेवाओं की पेशकश कर सकती हैं। बैंकों को इसके लिए अलग से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती है, वहीं गैर बैंक इकाइयों को भुगतान सेवा की पेशकश करने के लिए रिजर्व बैंक से अधिकार पाने के लिए आवेदन करना होता है, जो जून 2021 तक के लिए था और बाद में इसे बढ़ा दिया गया। बहरहाल केंद्रीय बैंक ने उन्हें अपना परिचालन तब तक जारी रखने की अनुमति दे दी, जब तक कि उनके आवेदन के भाग्य पर फैसला नहीं हो जाता।
भुगतान एग्रीगेटर्स के लिए रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश आने के बाद ऐसी खबरें थीं कि कई फर्मों ने भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए रिजर्व बैंक के पास आवेदन किया है, जिसमें एमेजॉन, टाटा समूह, रिलायंस इंडस्ट्रीज, फोनपे, भारतपे और अन्य शामिल हैं।
रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक पेमेंट एग्रीगेटर्स के पास मार्च 2021 तक 15 करोड़ रुपये और मार्च, 2023 तक 25 करोड़ रुपये शुद्ध पूंजी की जरूरत होगी। उसके बाद उन्हें हमेशा 25 करोड़ रुपये पूंजी बरकरार रखना होगा।
रेजरपे को इस सिलसिले में भेजे गए ई मेल का कोई उचित जवाब नहीं मिला। पाइन लैब्स से इस सिलसिले में तत्काल बात नहीं हो सकी।

First Published : July 9, 2022 | 12:09 AM IST