सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता – बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने मार्च 2021 को समाप्त चौथी तिमाही के दौरान अन्य आय में वृद्धि और फंसे कर्ज के प्रावधानों में गिरावट की वजह से 250 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। मार्च 2020 को समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 20 की चौथी तिमाही) में इसने 3,571 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।
संपूर्ण वित्त वर्ष 21 में इसने 2,160 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया किया है, जबकि वित्त वर्ष 20 में इसने 2,957 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इसका शेयर 82.3 रुपये प्रति शेयर की दर पर 2.62 प्रतिशत तक चढ़कर बंद हुआ।
बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी एके दास ने कहा कि बैंक इक्विटी और टीयर 1 बॉन्ड के जरिये पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है। परिसंपत्ति की गुणवत्ता की चिंताओं पर ध्यान दिया गया है और यह बाजार से (वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में) पूंजी जुटाने को तत्पर रहेगा।
संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि बैंक ने 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी – इक्विटी/एटी1 बॉन्ड के जरिये 3,000 करोड़ रुपये और टीयर-2 बॉन्ड के जरिये 2,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दे दी है।
