ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस फर्म जेपी मॉर्गन चेस (JPMorgan Chase) भारत में कर्मचारियों की संख्या अगले कुछ वर्षों में 5 से 7 फीसदी हर साल बढ़ाने की योजना बना रहा है। कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव ने रॉयटर्स को बताया कि वॉल स्ट्रीट बैंक अपने अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए ग्लोबल लेवल पर कर्मचारियों की संख्या दोगुनी कर रहा है।
अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क के इस बैंक की भारत में जबरदस्त पैठ है। भारत में बैंक की ग्लोबल वर्कफोर्स का पांचवा हिस्सा है, यानी जेपी मॉर्गन के 55,000 कर्मचारी इस समय भारत में नौकरी कर रहे हैं। यह भारत के 5 शहरों से ऑपरेट की जाती है, जहां टेक्नोलॉजी और ह्यूमन रिसोर्स से लेकर ऑपरेशन तक का काम किया जाता है।
कंसल्टिंग फर्म ANSR के अनुसार, जेपी मॉर्गन जैसी अन्य फर्में जैसे- बैंक ऑफ अमेरिका और गोल्डमैन सैक्स सहित कई विदेशी कंपनियां वैश्विक क्षमता केंद्रों (global capability centres/ GCCs) के माध्यम से भारत में विस्तार कर रही हैं। इन फर्मों की मार्केट साइज2030 तक दोगुनी से ज्यादा होकर 110 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
इसके अलावा, चूंकि वैश्विक GCC मार्केट में भारत की हिस्सेदारी लगभग 50 फीसदी है, इसलिए देश टैलेंट्स का केंद्र बन गया है।
भारत और फिलीपींस में जेपी मॉर्गन के कॉरपोरेट सेंटर्स के CEO दीपक मंगला ने बुधवार को एक इंटरव्यू में कहा, ‘सीनियर लेवल पर और ज्यादा स्किल के लिए काफी कंपटीशन है, इनकी काफी डिमांड है और यह अच्छा भी है’।
मंगला ने कहा, ‘जबकि योजनाबद्ध 5-7 फीसदी नियुक्ति दर पिछले कुछ सालों 8-10 फीसदी के मुकाबले कम है, यह बैंक की गति धीमी होने के बजाय बेस इफेक्ट पर निर्भर है।’
मंगला ने कहा, जेपी मॉर्गन ने अपनी विस्तार योजनाओं के तहत भारत के टेक्नोलॉजी सेंटर बेंगलूरु और देश की फाइनेंशियल कैपिटल मुंबई में दो नए ऑफिस बनाने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि बैंक अगले चार सालों में नोएडा और पुणे में अपनी ऑफिसों का रिन्यू करेगा। साथ ही बेंगलूरु, मुंबई और हैदराबाद में मौजूदा उपस्थिति को मजबूत करेगा।