facebookmetapixel
Jaiprakash Associates को खरीदने की दौड़ में Adani ग्रुप सबसे आगे, Vedant को पछाड़ा!अगले पांच साल में डिफेंस कंपनियां R&D पर करेंगी ₹32,766 करोड़ का निवेश, रक्षा उत्पादन में आएगी तेजीEPFO Enrolment Scheme 2025: कामगारों के लिए इसका क्या फायदा होगा? आसान भाषा में समझेंउत्तर प्रदेश में MSMEs और स्टार्टअप्स को चाहिए क्वालिटी सर्टिफिकेशन और कौशल विकासRapido की नजर शेयर बाजार पर, 2026 के अंत तक IPO लाने की शुरू कर सकती है तैयारीरेलवे के यात्री दें ध्यान! अब सुबह 8 से 10 बजे के बीच बिना आधार वेरिफिकेशन नहीं होगी टिकट बुकिंग!Gold Outlook: क्या अभी और सस्ता होगा सोना? अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़ों पर रहेंगी नजरेंSIP 15×15×15 Strategy: ₹15,000 मंथली निवेश से 15 साल में बनाएं ₹1 करोड़ का फंडSBI Scheme: बस ₹250 में शुरू करें निवेश, 30 साल में बन जाएंगे ‘लखपति’! जानें स्कीम की डीटेलDividend Stocks: 80% का डिविडेंड! Q2 में जबरदस्त कमाई के बाद सरकारी कंपनी का तोहफा, रिकॉर्ड डेट फिक्स

निवेश बैंकिंग की फीस में 32 फीसदी की गिरावट आई

Last Updated- December 07, 2022 | 5:45 AM IST

वर्ष 2008 में निवेश बैंकिंग की फीस अब तक 32 फीसदी गिर चुकी है। विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) गतिविधियों में आई कमी और शेयर बाजार में भारी गिरावट इसकी प्रमुख वजह है, जिससे कई कंपनियों को अपने प्रस्तावित आईपीओ से हाथ पीछे खींचने को विवश होना पड़ा है।


दूसरी छमाही में अब बैंकर्स सूरते हाल बदलने की उम्मीद लगा रहे हैं। उन्हें लगता है कि बाजार के स्थिर रहने पर उनकी हालत सुधर सकती है, लेकिन बीते साल जैसे जोरदार प्रदर्शन की उम्मीद तो फिर भी उन्होंने छोड़ रखी है।

चालू वर्ष की पहली छमाही में अब तक भारतीय निवेश बैंकिंग की कुल फीस गिरकर 35.43 करोड़ डॉलर  रह गई है। बीते साल इसी समयावधि में यह 51.83 करोड़ डॉलर थी। हालांकि अभी यह छमाही खत्म होने में दो सप्ताह बाकी हैं, लेकिन इस दौरान इस स्थिति में किसी फेरबदल की कोई उम्मीद नहीं है।

कोटक महिंद्रा कैपिटल की प्रबंध निदेशक फाल्गुनी नायर ने बताया कि इस क्षेत्र में पुरानी गति पकड़ना खासा मुश्किल साबित हो रहा है। बाजार में बहुत थोड़े आईपीओ ही आने वाले हैं। विलय और अधिग्रहण (एम ऐंड ए)की  गतिविधियों की हालत भी इससे जुदा नहीं है। हालांकि बीते सप्ताह दाइची ने 4.6 अरब डॉलर में भारत की अग्रणी दवा कंपनी रैनबेक्सी में अहम हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है।

लेकिन यह एमऐंडए बाजार के साल भर पुराने दिन लौटने का संकेत नहीं माना जा सकता। यह कहना है नायर का जिनकी कोटक केपिटल की निवेश बैंकिंग फीस अब 1.1 करोड़ है। इस साल जनवरी में भारतीय बाजार में रिलायंस पावर अब तक सबसे बड़ा (3 अरब डॉलर के शेयरों की बिक्री) आईपीओ लेकर आई थी।

हालांकि इसके बाद आई गिरावट के कारण रियल एस्टेट डेवलपर एम्मार एमजीएफ को 1.8 अरब डॉलर का अपना आईपीओं टालना पड़ा और वोकार्ट अस्पताल का आईपीओ भी इस गिरावट का शिकार हुआ। स्टरलाइट एनर्जी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी, जेएसडब्ल्यू एनर्जी और रिलायंस इंफ्राटेल आदि ने अपने आईपीओ शेयर बाजार फिसलने के कारण टाल दिए  हैं।

First Published - June 16, 2008 | 10:18 PM IST

संबंधित पोस्ट