वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में की गई घोषणा के मुताबिक भारत में वर्ष 2022-23 से डिजिटल मुद्रा की शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि ब्लॉकचेन और अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर डिजिटल रुपये भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किए जाएंगे। अगर ऐसा होने लगा तब भारत उन देशों के छोटे समूह में शामिल हो जाएगा जिनकी अपनी डिजिटल मुद्रा है। अटलांटिक काउंसिल के डेटा से यह अंदाजा मिलता है कि जनवरी 2022 तक 91 देशों में से केवल 9 देशों ने डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने की योजना बनाई थी इनमें से 41 देश शोध के चरण में थे और 14 देशों ने प्रायोगिक परीक्षण शुरू कर दिया था।
पिछले साल अक्टूबर में नाइजीरिया 9वां ऐसा देश बन गया जिसने सेंट्रल बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लॉन्च की जिसे ई-नायरा कहा गया। सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने घोषणा की थी कि 50 करोड़ ई-नायरा छापे गए और ये उन लोगों को मिले जिनके बैंक खाते देश के बैंक पहचान वाले नेटवर्क से जुड़े थे। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में सीबीडीसी प्रायोगिक परीक्षण के चरण में और यह दो चीजें तैयार करना चाहती हैं मसलन सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा और कई सेंट्रल बैंक वाली डिजिटल करेंसी ताकि चीन, हॉन्गकॉन्ग और थाईलैंड के बीच लेन-देन में सहूलियत हो। भारत में एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालीय समिति है जिसका गठन वित्त मंत्रालय ने नवंबर 2017 में किया था और इसने सीबीडीसी को अपनाने की सिफारिश दी थी।
आरबीआई की शोध इकाई, इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट ऐंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी तैयार करने को लेकर 2018 में ही चर्चा की थी लेकिन मार्च 2021 में आरबीआई ने इसको लॉन्च करने का संकेत दिया था। जुलाई 2021 में आरबाईआ के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने एक वेबिनार में डिजिटल करेंसी के पक्ष और इसके नुकसान वाले बिंदु पर चर्चा की थी। आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि सेंट्रल बैंक को दिसंबर 2021 के आखिर में प्रायोगिक परीक्षण लॉन्च किया था लेकिन इसकी शुरुआत अब तक नहीं की गई है।
सीबीडीसी के विकास की रफ्तार पिछले कुछ महीने में तेज नहीं हो पाई है। पिछले साल अप्रैल तक 74 देश सीबीडीसी के लिए काम कर रहे थे अब करीब 90 देश ऐसा कर रहे हैं। मई 2020 में केवल 35 देश ही सीबीडीसी तैयार करने पर जोर दे रहे थे।
परियोजनाओं की संख्या के साथ-साथ सीमा पार भुगतान में भी बढ़ोतरी हो गई है। यूएई, चीन, हॉन्गकॉन्ग और थाईलैंड के अलावा दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया ने प्रोजेक्ट डनबार के साथ सीमा पार भुगतान को आजमाया है। वित्त मंत्री ने बजट में वर्चुअल परिसंपत्ति पर 30 फीसदी की घोषणा की है। क्रिप्टोकरेंसी के उपयोगकर्ताओं की तादाद महज छह महीने में दोगुनी हो गई है और यह जनवरी और जून 2021 के बीच 10 करोड़ से बढ़कर 20 करोड़ हो गई है।
