देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक का कहना है कि आरबीआई द्वारा सीआरआर और रेपो रेट में की गई वृध्दि के बावजूद बैंक अभी अपनी ब्याज दरें नही बढ़ाएगा।
बैंक की संयुक्त प्रबंध निदेशक चंदा कोचर ने कहा कि हम जल्दी में कोई निर्णय नहीं लेंगे। अब रिजर्व बैंक के द्वारा उठाए गए कदमों के प्रभावों पर गौर करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे क्योंकि अभी हमारी तरलता स्थिति काफी बेहतर है।
आरबीआई के कदम से तरलता की स्थिति पर दबाव पड़ेगा और बैंक को अपनी कर्ज की दरों में बढ़ोतरी के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि हम ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी नहीं देखेंगे। इस सवाल पर क्या आईसीआईसीआई बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा, उन्होंने कहा कि अभी हमनें कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन अगर वृध्दि की जाती है तो यह सभी उत्पादों और सेगमेंट में होगी।
हालांकि बैंकों के नेट इंट्रेस्ट मार्जिन पर कोई प्रभाव नहीं पडेग़ा क्योंकि जमा दरों और ऋण दरों दोनों में बढ़ोतरी होने की वजह से संतुलन बना रहेगा। नेट इंट्रेस्ट मार्जिन के इस वित्त्तीय वर्ष में स्थिर बने रहने के आसार हैं। कोचर का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक के कदम से अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर कोई खास असर नहीं पडेग़ा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृध्दि के आठ फीसदी के करीब रहने के आसार हैं।
उन्होंने कहा कि यदि लगातार निवेश जारी रहता है तो इससे मांग पर कोई असर नहीं पडेग़ा और इससे अर्थव्यवस्था की विकास दर पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आरबीआई ने अपनी सालाना क्रेडिट पॉलिसी में आठ से 8.5 फीसदी क्रेडिट ग्रोथ का अनुमान लगाया था। आईसीआईसीआई बैंक की क्रेडिट ग्रोथ के सवाल पर कोचर ने कहा कि रिटेल ग्रोथ के कम रहने की संभावना के चलते हमनें अपने क्रेडिट ग्रोथ के अनुमान को कम कर लिया है। पिछले साल क्रेडिट ग्रोथ 30 से 35 फीसदी रही थी।