facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

मौद्रिक समीक्षा के बाद ब्याज दरों पर निर्णय करेगा आईसीआईसीआई बैंक

Last Updated- December 05, 2022 | 10:00 PM IST

देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने आज कहा कि वह रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के बाद ही ब्याज दरों पर निर्णय करेगा।


आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.वी. कामत ने कहा ” हम ब्याज दरों पर किसी भी तरह का निर्णय करने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति का इंतजार करेंगे।”


कामत ने कहा कि ब्याज दरों पर निर्णय बाजार की मौजूदा परिस्थितियों से प्रभावित होगा। उन्होंने कहा ” जब तक बाजार की परिस्थितियां अनिश्चित रहती हैं, बैंकर संतुलित रुख अपनाएंगे। हम भी ब्याज दरों के मुद्दे पर संतुलित बने रहेंगे।”


 रिजर्व बैंक की आगामी मौद्रिक नीति में क्या निर्णय किए जा सकते हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह अटकलें लगाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास दर में मौजूदा गिरावट के रुख से आर्थिक विकास दर प्रभावित हो सकती है।


मुद्रास्फीति की दर को चिंताजनक बताते हुए कामत ने कहा कि नीति निर्माताओं का ध्यान मुद्रास्फीति की दर पर काबू पाने के साथ ही आर्थिक विकास दर को बरकरार रखने पर होना चाहिए। मुद्रास्फीति बढ़ने से वर्तमान वित्त वर्ष में विकास दर घट कर 7.5 से 8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा और वैश्विक घटनाओं का प्रभाव एक सीमा तक ही रहेगा।


कामत ने कहा कि वर्तमान में उद्योगों में कोई मंदी नहीं है, यद्यपि ऑटो और हल्के अभियांत्रिकी जैसे सेक्टरों पर कुछ प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘निवेश पाइपलाइन के नजरिये से परियोजनाओं में मंदी नहीं है। निवेश विकास को उस सीमा तक लेकर जाएगा। कुछ भी नहीं बदला है।’


यह पूछे जाने पर कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को कब सूचीबध्द किया जाएगा, उन्होंने कहा कि इसे उचित समय पर सूचीबध्द किया जाएगा। उन्होंने कहा ” इस कंपनी को बाजार में सूचीबध्द किए जाने को लेकर कोई ”जल्दबाजी” नहीं है।”


कामत ने यह भी कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र अन्य देशों की भांति ही खुला हुआ है। बाद में उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ा कर 49 प्रतिशत करने की जरुरत है।

First Published - April 18, 2008 | 12:16 AM IST

संबंधित पोस्ट