आईसीआईसीआई बैंक अपने दो नए फंडों के जरिए तीन अरब डॉलर जुटाने जा रहा है।
आईसीआईसीआई वेंचर कैपिटल फंड मैनेजमेंट की सीईओ रेणुका रामनाथ के मुताबिक फंड अगले हफ्ते से प्राइवेट इक्विटी फंड के जरिए 1.5 अरब डॉलर जुटाना शुरू कर देगा और इतनी ही रकम वह रियल एस्टेट फंड के जरिए भी जुटाई जाएगी। यह वेंचर कैपिटल फंड फिलहाल कुल 2.5 अरब डॉलर की संपत्ति का प्रबंधन करता है।
वेंचर कैपिटल के क्षेत्र में इस फंड का मुकाबला मॉर्गन स्टेनली और डयूश बैंक एजी जैसे दिग्गजों से है। आईसीआईसीआई इतनी बड़ी रकम प्राइवेट इक्विटी के जरिए जुटाने के लिए ब्लैकस्टोन ग्रुप एलपी के अलावा कोटक महिन्द्रा बैंक जैसे घरेलू बैंकों से भी हाथ मिला रहा है। भारत में इस साल की पहली तिमाही में प्राइवेट इक्विटी फंडों ने चीन की तुलना में सात गुना ज्यादा निवेश किया है। भारत की आर्थिक विकास दर 2003 से औसतन 8.7 फीसदी की दर से बढ़ रही है।
रेणुका के मुताबिक भारत की ग्रोथ निवेश के लिए बडा आकर्षण है और हम नॉलेज सेक्टर, घरेलू बाजार में उपभोक्ता खपत वाले सेक्टरों, रिटेल, सेवा क्षेत्र और शिक्षा के क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी फंड के अवसरों पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं। नई दिल्ली की एडवायजरी फर्म इंडसव्यू एडवाइजर्स के मुताबिक मार्च 08 को खत्म हुई तिमाही में प्राइवेट इक्विटी फंडों ने भारत में 4 अरब डॉलर का निवेश किया है जो पिछले साल की इसी अवधि से 67 फीसदी ज्यादा है।
जबकि चीन में यह निवेश इस दौरान 76 फीसदी घटकर 57 करोड़ डॉलर रह गया है। अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी से क्योरिटीज फर्म मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक इसी महीने वह भारत में प्राइवेट इक्विटी फंड लाने की तैयारी कर रहा है। भारत में गोल्डमैन सैच्स समूह की पार्टनर रही कोटक महिन्द्रा भी अपने दो फंडों के लिए 1.2 अरब जुटाने की तैयारी में है।
तेज विकास और रियालिटी में सप्लाई की कमी से पिछले चार सालों में प्रॉपर्टी के दामों में अच्छी रैली देखने को मिली है । एक सरकारी अनुमान के मुताबिक भारत में 2012 तक करीब 2.65 करोड़ मकानों की कमी होगा। दुनिया के सबसे बड़े आल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट मैनेजर डयूश बैंक की आरआरईईएफ यूनिट अगले तीन सालों में भारत के रियल एस्टेट बाजार और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करने जा रही है।
रेणुका रामनाथ के मुताबिक यह पैसा करीब एक दर्जन शहरों की रिहायशी और कामर्शियल योजनाओं पर लगाया जाएगा। इसमें दिल्ली और मुंबई भी शामिल हैं। इस रियालिटी फंड का ज्यादातर हिस्सा अमेरिका, यूरोप, जापान, कनाडा और मध्य पूर्व के देशों के निवेशकों से जुटाया जाएगा।