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जमा सीमा बढऩे से भुगतान बैंकों के पास आएंगे बड़े ग्राहक

Last Updated- December 12, 2022 | 6:02 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेमेंट्स बैंकों में प्रत्येक ग्राहक के लिए प्रति दिन अधिकतम जमा की सीमा को बढ़ाकर दोगुना करने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक की ओर से इस सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये किए जाने से पेमेंट्स बैंकों की एमएसमएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और छोटे कारोबारियों और व्यापारियों जैसे बड़े ग्राहकों को आकर्षित करने की क्षमता बढ़ेगी और कारोबार की व्यवहार्यता में इजाफा होगा। मुंबई स्थित पेमेंट्स बैंक के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा प्रति खाता औसत जमा में अचानक से बहुत वृद्घि तो नहीं होगी लेकिन उच्च कारोबार वाले खासकर खुदरा क्षेत्र के कारोबारी ग्राहकों को आकर्षित करने की क्षमता बढ़ेगी।
रिजर्व बैंक ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति वक्तव्य में कहा कि पेमेंट्स बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर अधिकतम जमा की सीमा को बढ़ा दिया गया है। फिलहाल इस क्षेत्र में पांच बैंक परिचालन करते हैं जिनमें सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण एयरटेल पेमेंट्स बैंक, जियो पेमेंट्स और फिनो पेमेंट्स बैंक हैं।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि बैंकों ने जमा बीमा कवर को बढ़ाकर 5 रुपये किए जाने के बाद जमा की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की थी। उपयोग के लिए अधिक मात्रा में रकम उपलब्ध होने से उन्हें अपने दायरे को बढ़ाने में मदद मिलेगी और शायद वित्तीय मानकों पर वे बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।
इक्रा में वित्त क्षेत्र रेटिंग्स के समूह प्रमुख कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा कि यह कदम सही दिशा में उठाया गया है क्योंकि बैंकों के पास उपयोग के लिए उपलब्ध पैसे में इजाफा होगा। यदि सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाती तो उनमें व्यापक स्तर पर सुधार आता। उन्होंने कहा कि पैसों को फैलाने के लिए पेमेंट्स बैंकों के पास उपलब्ध अवसरों की समीक्षा किए जाने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक की भारत में 2019-20 में बैंकिंग के रुझान और प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक ब्याज आय और गैर-ब्याज आय दोनों में सुधार होने के बावजूद पेमेंट्स बैंकों के समेकित बही खातों में नुकसान नजर आता है जिसकी वजह उच्च परिचालन खर्च है।

First Published - April 11, 2021 | 11:54 PM IST

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