बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की राशि घटकर 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है। वहीं रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि धोखाधड़ी में शामिल राशि का औसत आकार एक दशक के निचले स्तर पर है।
बहरहाल बैंकों में धोखाधड़ी की संख्या बढ़ी है। 2020-21 में जहां धोखाधड़ी के 7,263 मामले सामने आए, 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 13,576 हो गई है। वहीं धोखाधड़ी की राशि उल्लेखनीय रूप से कम हुई है और इस दौरान यह 1,18,417 करोड़ रुपये से घटकर महज 26,632 करोड़ रुपये रह गई है।
बहरहाल वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में धोखाधड़ी की संख्या पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3 गुना बढ़ी है, जबकि इन धोखाधड़ी में शामिल राशि में इस अवधि के दौरान 85 प्रतिशत की कमी आई है।