facebookmetapixel
दिग्गज Defence Stock बन सकता है पोर्टफोलियो का स्टार, ब्रोकरेज का दावा- वैल्यूएशन तगड़ा; 35% रिटर्न का मौका2025 में 7% की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की GDP, मूडीज ने जताया अनुमान35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखाकोयले से गैस भी बनाएगी NTPC

सरकारों को पेट्रोल-डीजल पर कर घटाने की सलाह

Last Updated- December 12, 2022 | 8:42 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंंक ने केंद्र व राज्य सरकारों को पेट्रोलियम उत्पादों पर कर घटाने का सुझाव दिया है ताकि पेट्रोल व डीजल की उच्च कीमतों से ग्राहकों को राहत मिल सके।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत बयान में कहा है, पेट्रोल व डीजल की कीमतें पेट्रोल पंप पर एतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई है। केंद्र व राज्य सरकारों की तरफ से पेट्रोलियम उत्पादों पर कर घटाने से लागत का दबाव घट सकता है।
यह बयान केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल व डीजल पर क्रमश: 2.5 रुपये व 4 रुपये प्रति लीटर कृषि बुनियादी ढांचा एवं विकास उपकर लगाए जाने के कुछ दिन बाद आया है। हालांकि सरकार ने इसके अनुपात में आधारभूत उत्पाद शुल्क व विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में कमी की है ताकि राजस्व पर असर न पड़े और उपभोक्ताओं पर भी इस कदम का असर न पड़े।
केंद्र की तरफ से पेट्रोल व डीजल पर स्थिर व एड वेलोरम दरें लगाई गई हैं। उदाहरण के लिए गैर-ब्रांडेड पेट्रोल पर 2.5 फीसदी सीमा शुल्क, 14.90 रुपये प्रति लीटर काउंटरवेलिंग ड््यूटी, 18 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त सीमा शुल्क, 1.40 रुपये प्रति लीटर आधारभूत उत्पाद शुल्क, 11 रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और ऊपर वर्णित 2.5 रुपये प्रति लीटर नया उपकर लगता है।
इसी तरह गैर-ब्रांडेड डीजल पर 2.5 फीसदी सीमा शुल्क, 16.10 रुपये प्रति लीटर काउंटरवेलिंग ड्यूटी, 18 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त सीमा शुल्क, 1.8 रुपये आधारभूत उत्पाद शुल्क, 8 रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और ऊपर वर्णित चार रुपये प्रति लीटर का उपकरण लगता है।
पेट्रोल व डीजल पर राज्यों में कर एकसमान नहीं है। उदाहरण के लिए राजस्थान में सबसे ज्यादा 38 फीसदी वैट और 1,500 किलोलीटर रोड डेवलपमेंंट सेस लगता है। डीजल पर 28 फीसदी वैट और 1,750 रुपये प्रति किलोलीटर रोड डेवलपमेंंट सेस लगता है।
महाराष्ट्र में दो तरह की दरें हैं, एक मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई के लिए और दूसरा राज्य के बाकी हिस्सों के लिए। इक्रा रेटिंग्स की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, जब तक कि र्ईंधन पर अप्रत्यक्ष कर नहीं घटाया जाता और इसके परिणामस्वरूप महंगाई में नरमी नहीं आती, हमें लगता है कि नीतिगत दरों का चक्र आगे नहीं बढ़ेगा।

First Published - February 5, 2021 | 11:20 PM IST

संबंधित पोस्ट