सरकार द्वारा संचालित बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को टियर-2 बॉन्डों के माध्यम से 7.49 फीसदी कूपन दर पर 2,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। एक सूत्र ने कहा, ‘यह सख्त कटऑफ है। लेकिन यह जारीकर्ता के अनुमान के मुताबिक है। इससे बाजारों में तेजी की धारणा के संकेत मिलते हैं।’ उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत बॉन्डों के लिए कुल ऑर्डर बुक लगभग 6,000 करोड़ रुपये थी, जो निवेशकों के बीच ऐसे साधनों की अच्छी मांग को दर्शाती है।
सूत्रों ने कहा कि यह निर्गम अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में 50 आधार अंक कटौती करने के बाद आया है, जिससे यील्ड में नरमी के संकेत मिले। उन्होंने कहा कि करीब 76 निवेशकों ने अपनी बोली पेश की, जिनमें बैंक और बीमा कंपनियां शामिल हैं।
मुंबई के इस बैंक द्वारा जुटाए गए पैसे से उसकी पूंजी पर्याप्तता सुधरेगी। इससे उसके पूंजी पर्याप्तता अनुपात में करीब 40 आधार अंक सुधार हुआ होगा, जो अब करीब 16 फीसदी हो जाएगा। 30 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 15.60 फीसदी था।
यह सरकारी बैंक दिसंबर में समाप्त होने वाली तिमाही में एडीशनल टियर-1 बॉन्डों के माध्यम से 2,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही वह इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्डों के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। बैंक ने 10 साल के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से जुलाई में 7.54 फीसदी कूपन दर पर 5,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
पिछले साल बैंक ने टियर-2 बॉन्डों से 7.80 फीसदी कूपन दर पर 2,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। सूत्रों ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को टियर-2 बॉन्ड के लिए जिस कूपन दर की पेशकश की है, वह इसी साधन से पहले जुटाए गए धन के 7.80 फीसदी कटऑफ से बहुत कम है।
इस माह की शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक ने अपने दूसरे बेसल-3 अनुपालन वाले टियर-2 बॉन्ड जारी कर 7.33 फीसदी कूपन दर पर 7,500 करोड़ रुपये जुटाए थे। चालू वित्त वर्ष 2025 में स्टेट बैंक ने बेसल-3 अनुपालन वाले टियर-2 बॉन्डों से 15,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।