म्युचुअल फंडों की जानकारी के लिए अगर आप असेट मैनेजमेंट कंपनियों और डिस्ट्रिब्यूटरों की मार्केटिंग कोशिशों पर भरोसा करें तो बहुत संभव है कि बैलेंस फंडों में आपका कोई निवेश नहीं हो।
जरा जारी किए नए फंडों के रिकार्ड को देखिए। साल 2003 में जब से शेयर बाजार चढ़ना शुरू हुआ है, 12 नए इक्विटी आधारित बैलेंस्ड फंड जारी किए गए हैं, जबकि इस दौरान 157 नए इक्विटी फंड जारी किए गए। यानी हर 13 इक्विटी फंड के लांच पर एक बैलेन्स्ड फंड। बैंलेंस्ड फंड (जिन्हं हाइब्रिड फंड भी कहा जाता है) इक्विटी और फिक्स्ड इनकम के बीच एक संतुलन बना कर रखते हैं।
फिक्स्ड इनकम का हिस्सा आम तौर पर कई तरह के कार्पोरेट या सरकारी डेट होते हैं। रिटर्न के मामले में यह इक्विटी फंडों की तुलना में ज्यादा कंसर्वेटिव रहते हैं लेकिन दूसरे कुछ फायदों से इस कमी की भरपाई हो जाती है। इस अनुपात को बनाए रखने के लिए फंड मैनेजर को समय समय पर उस निवेश की बिकवाली करनी पड़ती है जो बेहतर प्रदर्शन कर चुका है।
बिक्री के इस पैसे से उसे दूसरे किस्म के निवेश करने होते हैं ताकि बैलेंस बना रह सके। एक औसत निवेशक के लिए भले ही अजीब हो लेकिन इससे यह तय रहता है कि इक्विटी से हो रहा मुनाफा समय समय पर निकाला जा रहा है और उसे डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाकर सुरक्षित किया जा रहा है।
पिछले पांच सालों में औसत इक्विटी डाइवर्सिफाइड ने करीब सालाना 12.26 फीसदी का रिटर्न दिया है और औसत इक्विटी ओरिएंडेट बैलेंस्ड फंड ने इस दौरान करीब 10.16 फीसदी का औलत रिटर्न दिया है लेकिन कम उतार चढ़ाव के साथ। इस बैलेन्स्ड स्ट्रैटजी में स्थिर रिटर्न ही नहीं मिलते, टैक्स के मामले में भी यह बेहतर है।
अगर कोई बैलेन्स्ड फंड अपना इक्विटी एलोकेशन 65 फीसदी से ऊपर रखता है तो निवेशक का सारा निवेश टैक्स के नजरिए से इक्विटी माना जाता है लिहाजा यह लांग टर्म कैपिटल गेन से मुक्त हो जाता है।
यहां निवेशकों अन्य विकल्पों को आजमा सकते हैं :
कैनरा रोबैको बैलेंस
इस फंड का लंबा और कॉम्प्लिकेटेड इतिहास है। यह दो असेट मैनेजमेंट कंपनियों- कैनबैंक म्युचुअल फंड (अब कैनरा रोबैको) और जीआईसी म्युचुअल फंड के तीन बैलेंस्ड फंडों का प्रोडक्ट है। साल 2008 में यह फंड कैनरा रोबैको बैलेंस-2 के साथ विलय कर दिया गया था और नई एन्टिटी का नाम कैनरा रोबैको बैलेन्स्ड रखा गया है।
प्रबंधन में एक सा प्रवाह नहीं रहने की वजह से इसका स्टाइल समझ पाना मुश्किल है। दिसंबर 2007 से इसमें तीन फंड मैनेजर बदले हैं और मौजूदा जुलाई 2008 से है। डेट में फंड ब्याज दरों में कमी आने की आशंका में लांग टर्म के निवेश पर ज्यादा तवाो दे रहा है।
पिछले 14 सालों में इस फंड ने नौ बार अपनी कैटगरी के औसत प्रदर्शन से बेहतर किया है। साल 2007 में इसका प्रदर्शन औसत था लेकिन साल 2008 की गिरावट में भी यह पार लगने में कामयाब रहा है। यह देखने लायक है।
डीएसपी ब्लैकरॉक बैलेन्स्ड
काफी साल तक औसत प्रदर्शन वाला फंड होने के बाद यह फंड आखिरकार हाल के सालों में आकर्षक बन गया है। इसकी मिसाल देखिए। तेजी के आखिरी दौर में (जून 15 2006-जनवरी 8 2008) इस फंड का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है और इसका कुल रिटर्न 55.85 फीसदी का रहा है।
और इसके बाद आए मंदी में माहौल में यह अपनी कैटगरी के दूसरे फंडों की तुलना में कम गिरा है। यह फंड सुरक्षित चलना पसंद करता है। मोटे तौर पर यह कैटगरी के मुताबिक ही इक्विटी में एलोकेशन करता है।
स्माल कैप की ओर झुकाव के बावजूद, दूसरे सेक्टरों मे इसकी अच्छा बैलेंस रहता है। डेट के मामले में फंड सही मिश्रण रखता है, दूसरे फंडों से अलग इसने डिबेंचर और कॉमर्शियल पेपर में भारी निवेश से दूरी रखी है बल्कि इसने फ्लोटिंग रेट पेपर और सरकारी बांडों में निवेश का एक सही मिश्रण रखा है।
मैगनम बैलेन्स्ड
फंड ने अपने निवेश के फैसलों में तेजी भले ही कम कर दी हो लेकिन यह दूसरे बैलेन्स्ड फंडों की तुलना में काफी आक्रामक है। पहले सात सालों में यह अपनी कोई छाप बनाने में कामयाब नहीं रहा है।
1999 को छोड़ दिया जाए, जब इसने 192.51 फीसदी का रिटर्न दिया था और जो कैटगरी के औसत से सौ फीसदी ऊपर था तो साल 2003 ने इस फंड ने बदलाव किया है।