लोकसभा चुनाव

गर्मी से पहले होने चाहिए चुनाव : इलेक्शन कमीशन

आयोग ने कहा कि देश के 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान नहीं हुआ और बाकी राज्यों में पुनर्तमतदान के केवल 39 मामले सामने आए।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- June 03, 2024 | 11:12 PM IST

लोक सभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए होने वाली मतगणना की पूर्व संध्या पर सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया का सबसे बड़ा सबक यह रहा कि चुनाव गर्मियों से पहले करा लेने चाहिए। साथ ही चुनावी प्रक्रिया को बा धित करने वाले गलत प्रचार से निपटने के लिए आयोग को पूरी तैयारी करनी चाहिए।

नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राजीव कुमार ने कहा कि हिंसा और अव्यवस्था से मुक्त चुनाव प्रक्रिया पूरी कराई है। खास बात यह कि पूरी चुनावी प्रक्रिया डीपफेक मुक्त भी रही। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि शरारतपूर्ण और टूलकिट प्रोपेगैंडा यदि कामयाब हो जाता तो देश में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती थी। सतर्कता बरतते हुए इस पर अंकुश लगाया गया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाताओं का आंकड़ा जारी करने में बिल्कुल भी देर नहीं लगाई, जैसे ही पुनर्मतदान हुआ आयोग ने जल्दी से जल्दी उस चरण के आंकड़े जारी कर दिए।

उन्होंने मतदान के आंकड़े बदले जाने की आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देश से बाहर से आने वाली भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए आयोग ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन वह यह देख चकित रह गया कि इस प्रकार की सूचनाएं देश के अंदर से ही आ रही थीं।

कुमार ने कहा कि इन चुनावों का सबसे बड़ा सबक यही है कि जिस समय ये चुनाव संपन्न हुए हैं, इन्हें कम से कम एक महीना पहले पूरा हो जाना चाहिए था, ताकि लू और भीषण गर्मी से बचा जा सके। कम मतदान की समस्या से निपटने के लिए भी ऐसा समझा गया है कि सोमवार और शुक्रवार को मतदान नहीं कराया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मतगणना प्रक्रिया को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए सर्वदलीय प्रतिनि धिमंडल की मांग को मानते हुए यह स्पष्ट किया है कि डाक मतपत्रों की गिनती पहले की जाएगी।

आयोग ने कहा कि 2024 के लोक सभा चुनाव में 64.2 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जो एक कीर्तिमान है। आयोग ने कहा कि इस चुनाव की दूसरी प्रमुख बात यह रही कि हिंसा की घटनाएं न के बराबर हुईं।

आयोग ने कहा कि देश के 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान नहीं हुआ और बाकी राज्यों में पुनर्तमतदान के केवल 39 मामले सामने आए। वर्ष 2019 में देशभर में 540 केंद्रों पर पुनर्तमतदान कराए गए थे।

First Published : June 3, 2024 | 10:47 PM IST