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Jharkhand Elections: पहले चरण में 43 सीटों पर बुधवार को मतदान, प्रचार के अंतिम दिन आरोपों के तीखे बाण

कांग्रेस नीत झामुमो और राजद गठबंधन को पिछले चुनाव में 43 सीट मिली थीं। इनमें से इस बार 26 सीट पर पहले चरण में मतदान होगा, जिनमें 17 सीट आरक्षित भी शामिल हैं।

Last Updated- November 11, 2024 | 10:20 PM IST
Jharkhand Assembly Elections

Jharkhand Assembly Elections: झारखंड में पहले चरण के लिए चुनाव के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम को थम गया। राज्य की 81 विधान सभा सीट में से 43 पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। राज्य की 28 सीट आरक्षित हैं, जिनमें से 19 पर बुधवार को पहले चरण में ही मतदान होगा।

इनमें सरायकेला की सीट भी शमिल है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन 2005 से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) उम्मीदवार के तौर पर जीतते आ रहे थे। इस चुनाव में उनकी राहें झामुमो से अलग हो गई हैं और वह भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।

भाजपा उम्मीद लगाए बैठी है कि सोरेन की वजह से आदिवासी बहुल सीट पर उसे फायदा होगा। पांच साल पहले हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा को आरक्षित सीट में से केवल 2 सीट तोरपा और खूंटी पर ही जीत मिली थी। पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीट जीती थीं, जिनमें 13 पर पहले चरण में ही वोट पड़ेंगे।

कांग्रेस नीत झामुमो और राजद गठबंधन को पिछले चुनाव में 43 सीट मिली थीं। इनमें से इस बार 26 सीट पर पहले चरण में मतदान होगा, जिनमें 17 सीट आरक्षित भी शामिल हैं। भाजपा ने इस बार अपना चुनाव अभियान अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग पर केंद्रित कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की सामूहिक ताकत को तोड़ने की कोशिश कर रही है ताकि उनके बीच विभाजन पैदा कर उनकी आवाज कमजोर की जा सके और अंतत: उनके लिए आरक्षण समाप्त किया जा सके।

उन्होंने ‘नमो ऐप’ के माध्यम से ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के तहत झारखंड में भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा, ‘इसलिए मैं बार-बार कहता रहता हूं कि एक रहेंगे, तो सेफ (सुरक्षित) रहेंगे।’

मोदी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन के पांच साल के शासन की ‘विफलताओं’ को भी रेखांकित किया और कहा कि राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए ‘भ्रष्टाचार, माफिया और कुशासन’ से मुक्त कराना होगा।

मोदी ने दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के ‘शाही परिवार’ से हर कोई आरक्षण के प्रावधान का ‘कट्टर विरोधी’ रहा और जब तक पार्टी सत्ता में थी तब तक उसने इसके पक्ष में उठने वाली सभी आवाजों को कुचल दिया, क्योंकि दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज तब बिखरे हुए थे।

उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे उन्होंने समझना शुरू कर दिया कि बाबा साहेब आंबेडकर ने क्या कहा था और कई राज्यों में कांग्रेस को चुनौती देते हुए एक साथ खड़े हो गए।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ओबीसी समाज 1990 तक एक साथ नहीं आ सका, लेकिन जब वे साथ आए तो कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। उसके बाद से कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार नहीं बना पाई है। आज देश के सिर्फ तीन राज्यों में उसकी सरकार है।’

मोदी ने दावा करते हुए कहा, ‘झारखंड इस बार बदलाव करने को संकल्पित हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण तो ये भी है कि झामुमो, कांग्रेस व राजद ने झारखंड की रोटी, बेटी और माटी पर वार किया है। पिछले पांच साल इन्होंने बड़ी-बड़ी बातें कीं, लेकिन आज झारखंड के लोग देख रहे हैं कि इनके ज्यादातर वादे झूठे हैं।

First Published - November 11, 2024 | 10:13 PM IST

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