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NCR मॉडल चाह रहा चंडीगढ़

चंडीगढ़ लोक सभा चुनाव से पहले उद्योगियों की मांग: बनाएं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, बढ़ाएं अर्थव्यवस्था

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श्रेया नंदी   
Last Updated- May 29, 2024 | 11:32 PM IST

चंडीगढ़ में 1 जून को होने वाले लोक सभा चुनाव के मतदान से पहले राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है। यहां के उद्योग के दिग्गजों के लिए क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य को बढ़ाने की महत्त्वांकाक्षा जोर पकड़ने लगी है। उनकी चाहत है कि इस केंद्र शासित प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों में भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र वाले सफल मॉडल को दोहराया जाए।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली के साथ पड़ोसी राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्से आते हैं जो अपने अंतर क्षेत्रीय विकास का जीता जागता उदाहरण है। अब चंडीगढ़ के उद्योगपतियों का मानना है कि यहां भी चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र अथवा ग्रेटर चंडीगढ़ बनाकर इस तरह की सफलता की कहानी दोहराई जा सकती है। मगर इसके लिए इतनी हड़बड़ी क्यों है?

उद्योगपतियों का तर्क है कि हाल के वर्षों में चंडीगढ़ का औद्योगिक विकास थम सा गया है और इससे शहर का मूल खाका भी प्रभावित हुआ है। हालांकि शहर का खाका सावधानी से तैयार किया गया था, लेकिन अनजाने में उद्योग के लिए जगह सीमित हो गई।

प्रदूषण कम करने के लिए छोटे उद्यमों के लिए सिर्फ 1,450 एकड़ जमीन आवंटित की गई। हालांकि, चंडीगढ़ कोई साधारण शहर नहीं है। यहां कई खासियत हैं। यह हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी है, केंद्र सरकार की देखरेख वाला केंद्रशासित प्रदेश है और आजादी के बाद देश का पहला ऐसा शहर है जो अपने आसान जीवन के लिए प्रसिद्ध है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जैसे ही चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र की वकालत करने वाले पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री पंजाब चैप्टर के अध्यक्ष रुपिंदर सिंह सचदेवा ने कहा कि चंडीगढ़ के अलावा इस क्षेत्र में पंजाब (साहिबजादा अजीत सिंह नगर, रोपड़, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब), हरियाणा (पंचकूला और अंबाला) और हिमाचल प्रदेश (सोलन) के जिले होने चाहिए।

निवेशक चंडीगढ़ और मोहाली की तरफ तो आते हैं लेकिन यहां जमीन की कमी और अंतरराज्यीय जटिलताएं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सड़कों के बुनियादी ढांचे के विकास और सड़कें चौड़ी करने से यहां आने-जाने में यात्रा का समय कम हो जाएगा। कई गतिविधियों को भी आसपास के जिलों तक बढ़ाया जा सकता है। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और उत्पादकता को भी बढ़ावा मिलेगा।

चंडीगढ़ लोक सभा क्षेत्र में मनीष तिवारी और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजय टंडन के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है इसलिए शहर के विकास से जुड़े सवाल सवालों के घेरे में हैं। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर चंडीगढ़ के एक उद्योग अधिकारी ने कहा, ‘पिछले एक दशक में चंडीगढ़ का विकास रुक सा गया है। चाहे वह सरकारी दफ्तर हो अथवा नगर निगम, मंजूरियां मिलने में काफी समय लग जाता है। यह एक खेदजनक स्थिति है।’

First Published : May 29, 2024 | 11:05 PM IST