अर्थव्यवस्था

Vehicle scrapping: सेरो लगाएगी 100 व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर, अर्थव्यवस्था को हरा-भरा बनाने में मिलेगी मदद

2025 तक भारत में कम से कम 100 वाहन स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही कंपनी

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दीपक पटेल
Last Updated- March 06, 2023 | 9:54 PM IST

महिंद्रा समूह और सरकार के स्वामित्व वाली एमएसटीसी के बीच 50:50 की हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम सेरो वर्ष 2025 तक भारत में कम से कम 100 वाहन स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है। सेरो के निदेशक सुमित इस्सर ने यह जानकारी दी है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक बातचीत में इस्सर ने निर्धारित राशि का खुलासा किए बिना कहा कि इन केंद्रों की स्थापना करने के लिए कंपनी को ‘भारी निवेश’ की जरूरत होगी। वर्तमान में भारत में वाहन स्क्रैपिंग के कुल 13 से 15 पंजीकृत केंद्र हैं, जिनमें से नौ सेरो के हैं।

पिछले महीने अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को बदलना भारतीय अर्थव्यवस्था को हरा-भरा बनाने का महत्वपूर्ण हिस्सा है और केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्याप्त धनराशि का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों और एंबुलेंसों को बदलने में राज्य सरकारों की भी मदद की जाएगी।

हर साल बेची जाने वाली लगभग 40 लाख नई कारों में से सरकार लगभग 10 से 15 प्रतिशत कारें खरीदती है। इस्सर ने कहा ‘बाकी करीब 35 लाख कारें खुदरा बाजार में बेची जाती हैं। इसलिए खुदरा क्षेत्र को बड़े स्तर पर भागीदारी करनी होगी।’

उन्होंने कहा कि 15 साल से ज्यादा पुराने सभी वाहनों, सरकारी और आम दोनों को एक-समान रूप से स्क्रैप किया जाना चाहिए। उन्हें केवल पंजीकृत (संबंधित राज्य सरकारों द्वारा स्वीकृत) स्क्रैपिंग केंद्रों के जरिये ही स्क्रैप करने की अनुमति दी जानी चाहिए। फिलहाल भारत में 99 प्रतिशत कार स्क्रैपिंग का काम असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है।

इस्सर ने कहा ‘आज देश भर में हमारे पास नौ संयंत्र हैं – नोएडा, पुणे, चेन्नई, अहमदाबाद, इंदौर, बेंगलूरु, गुवाहाटी, हैदाराबाद और चंडीगढ़। हम 36 शहरों में सेवा दे सकते हैं, जो इन नौ संयंत्रों के आस-पास 300 से 400 किलोमीटर के दायरे में हों।’

उन्होंने कहा कि भारत के सभी बड़े शहरों को दायरे में लेने के लिए कम से कम 200 केंद्र होने चाहिए। इस्सर, महिंद्रा एक्सेलो के प्रबंध निदेशक भी हैं। वर्ष 2017 में भारत में 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों की संख्या 2.8 करोड़ थी। अगले पांच साल में यह संख्या 4.6 करोड़ तक पहुंचने के आसार हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक हमारे (महिंद्रा एक्सेलो) और एमएसटीसी के बीच हमारे पास देश भर में 100 से 150 केंद्र होंगे। हमने तय किया है कि हमारी हर बड़े शहर में मौजूदगी होगी। वर्ष 2025 तक लक्ष्य स्पष्ट है कि हमें 100 से अधिक शहरों में होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक केंद्र प्रति माह लगभग 2,000 से 3,000 वाहनों का स्क्रैप करेगा और मांग के आधार पर लाइन या मॉड्यूल जोड़कर यह क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

First Published : March 6, 2023 | 9:54 PM IST