अमेरिका में भारत के निर्यात पर 7 अगस्त से 25 फीसदी शुल्क लागू होने से रत्न एवं आभूषण, वस्त्र, समुद्री उत्पाद जैसे श्रम-उन्मुख क्षेत्रों का निर्यात सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी अलग-अलग आंकड़ों से इसका पता चलता है।
अगस्त में मोती और कीमती रत्नों का निर्यात 54.2 फीसदी घटा है, वहीं समुद्री उत्पाद के निर्यात में 33 फीसदी, सोना और अन्य बहुमूल्य धातु के आभूषण निर्यात में 18.6 फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही पिछले साल की समान अवधि की तुलना में रेडीमेड परिधान का निर्यात 13.2 फीसदी, सूती कपड़े का निर्यात 10.1 फीसदी, ड्रग फॉर्मूलेशन 7 फीसदी और वाहन कलपुर्जों का निर्यात 6.6 फीसदी घटा है।
भारत द्वारा रेडीमेड कपड़ों के कुल निर्यात का 34 फीसदी और सूती कपड़ों का 39 फीसदी अमेरिका भेजा जाता है। इसी तरह कीमती रत्नों का कुल निर्यात में अमेरिकी बाजार की हिस्सेदारी 37 फीसदी और स्वर्ण आभूषणों की हिस्सेदारी 28 फीसदी है। इसके साथ ही समुद्री उत्पाद का 36 फीसदी, ड्रग फॉर्मूलेशन का 40 फीसदी और वाहन कलपुर्जों का 22 फीसदी अमेरिका को भेजा जाता है।
अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने की वजह से भारतीय सामान के निर्यात पर अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क लगाया था जो 27 अगस्त से प्रभावी हो गया है। इससे अमेरिका में भारतीय निर्यात पर कुल शुल्क बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। वाणिज्य विभाग बुधवार को सितंबर के व्यापार आंकड़े जारी करेगा जिससे भारतीय निर्यात पर अमेरिकी शुल्क के प्रभाव का पता चल सकता है।
अगस्त में अमेरिका को भारत का कुल निर्यात 7.15 फीसदी बढ़ा था जो जुलाई में 27.9 फीसदी वृद्धि से काफी कम था। दूरसंचार उपकरणों के निर्यात में 140.1 फीसदी की तेजी से अमेरिका में कुल निर्यात बढ़ा।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है और देश के कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी लगभग 20 फीसदी है। अपने निर्यात में विविधता लाने के प्रयासों के बावजूद भारत की पिछले 14 वर्षों में निर्यात के लिए अमेरिका पर निर्भरता बढ़ी है।
भारत ने इस साल के अंत तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के प्रयासों को तेज कर दिया है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल इस सप्ताह के अंत में अमेरिका की यात्रा पर जाने वाला है।
यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हाल में हुई बातचीत और अमेरिका के भारत में राजदूत पद के लिए मनोनीत सर्जियो गोर की नई दिल्ली यात्रा के बाद हो रही है।
अगस्त में होने वाली पिछली व्यापार वार्ताएं अमेरिका द्वारा भारत पर भारी शुल्क लगाने की वजह से स्थगित कर दी गई थीं। दोनों पक्ष अब एक व्यापक समाधान पर बातचीत कर रहे हैं जो व्यापार समझौते में लंबित मुद्दों और भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद पर अमेरिका की चिंता को दूर करेगा।