अर्थव्यवस्था

Unemployment Rate: देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ी

2023-24 में बेरोजगारी दर 3.2% पर स्थिर, श्रमबल हिस्सेदारी में वृद्धि से रोजगार बाजार पर दबाव

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शिवा राजौरा   
Last Updated- September 23, 2024 | 11:38 PM IST

भारत में बेरोजगारी दर में लगातार 5 साल तक की गिरावट के बाद 2023-24 के जुलाई-जून अवधि के दौरान बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत पर स्थिर हो गई है। इससे रोजगार के बाजार में गिरावट के संकेत मिलते हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी नवीनतम वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट के इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि यह स्थिरता शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में श्रमबल में बढ़ोतरी के कारण आई है और दोनों अर्थव्यवस्थाएं साल के दौरान इसके मुताबिक रोजगार सृजन करने में सफल नहीं रही हैं।

आंकड़ों से पता चलता है ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 2023-24 के दौरान मामूली बढ़कर 2.5 प्रतिशत हो गई, जो 2022-23 के दौरान 2.4 प्रतिशत थी। हालांकि इस दौरान शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर घटकर 5.1 प्रतिशत रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 5.4 प्रतिशत थी।

इसके अलावा महिलाओं की बेरोजगारी दर 2023-24 के दौरान बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गई, जो 2022-23 के दौरान 2.9 प्रतिशत थी। वहीं पुरुषों की बेरोजगारी दर थोड़ी घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है, जो इसके पहले के साल के दौरान 3.3 प्रतिशत थी।

अप्रैल 2017 में वार्षिक सर्वे शुरू होने के बाद पहली बार 15 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के लिए तथाकथित ‘सामान्य स्थिति’ के तहत एक साल की अवधि के लिए बेरोजगारी दर में स्थिरता देखी गई। पीएलएफएस के पहले राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (जिसे अब एनएसओ के नाम से जाना जाता है) रोजगार और बेरोजगारी के आंकड़े जारी करता था। यह आंकड़े 5 साल पर आते थे।

2017-18 के दौरान पूरे देश के स्तर पर बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत थी। सामान्य स्थिति में रोजगार का निर्धारण सर्वे की तिथि से पहले के 365 दिनों की अवधि के आधार पर किया जाता है। ताजा आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि श्रम बल हिस्सेदारी दर (एलएफपीआर) में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे पता चलता है कि आबादी के कितने प्रतिशत लोग रोजगार मांग रहे हैं। यह 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गया है, जो 2022-23 के दौरान 57.9 प्रतिशत थी।

First Published : September 23, 2024 | 11:30 PM IST