मार्च तिमाही और वित्त वर्ष 23 के आर्थिक वृद्धि के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने के एक दिन बाद आज जारी दूसरे अहम आंकड़ों ने वित्त वर्ष 2023-24 भी शानदार रहने का संकेत दिया। मई में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), विनिर्माण के लिए पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई), यात्री वाहनों की बिक्री और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये हुए लेनदेन में जबरदस्त इजाफा देखा गया।
एसऐंडपी ग्लोबल ने बताया कि कच्चे माल की खरीद और भंडार में रिकॉर्ड बढ़ोतरी तथा नए ऑर्डरों और उत्पादन में तेजी के कारण मई में पीएमआई 58.7 पर पहुंच गया। पिछले 31 महीनों में पीएमआई का यह सबसे ऊंचा स्तर है। मई में जीएसटी संग्रह भी मई, 2022 के मुकाबले 12 फीसदी चढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपये रहा। इससे पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर परेशानियों के बाद भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
देसी वाहन उद्योग भी रिकॉर्ड के मामले में पीछे नहीं रहा कि मई में उसने अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की। सेमीकंडक्टर की आपूर्ति बढ़ने और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) की तगड़ी मांग रहने से यात्री वाहनों की बिक्री साल भर पहले के मुकाबले 13.5 फीसदी बढ़कर 3,34,802 इकाई हो गई। इसी तरह मई में यूपीआई लेनदेन ने भी रिकॉर्ड बना दिया। इस महीने में 14.3 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए, जो साल भर पहले से 2 फीसदी अधिक रहे।
मई में कुल 941 करोड़ यूपीआई लेनदेन थे, जो मई, 2022 से 6 फीसदी अधिक रहे। बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.1 फीसदी बढ़ा था। वित्त वर्ष 2022-23 में इसमें 7.2 फीसदी इजाफा हुआ था। उम्मीद से बेहतर जीडीपी और दूसरे आंकड़ों से उत्साह में आकर विश्लेषक चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान बढ़ाने लगे हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने कहा, ‘निजी निवेश की गतिविधियां मजबूत हैं और देश में मुद्रा तथा ऋण की स्थिति इस वित्त वर्ष, में वृद्धि को सहारा देती दिख रही है। अब हम मान रहे हैं कि वित्त वर्ष 2024 में वृद्धि और तेज होगी। हम अपना अनुमान भी 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर रहे हैं।’
विशेषज्ञों को लग रहा है कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व भी 10-11 फीसदी बढ़ेगा। मई के आंकड़े के साथ ही जीएसटी राजस्व पांचवीं बार 1.5 लाख करोड़ रुपये के बार पहुंच गया।
इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘मई में जीएसटी राजस्व हमारे अनुमान से थोड़ा अधिक रहा है। हमारा मानना है कि अगले कुछ महीनों में जीएसटी प्राप्तियां 1.55 लाख करोड़ रुपये से 1.65 लाख करोड़ रुपये रह सकती हैं और सालाना आधार पर इसमें 10 से 11 फीसदी का इजाफा हो सकता है।’
लगातार दो तिमाही में गिरावट के बाद जनवरी-मार्च तिमाही के जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र में 4.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी और मई में विनिर्माण क्षेत्र के पीएमआई में भी मजबूत वृद्धि दर्ज की गई।