वित्त मामलों पर बनी संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) से कहा है कि वह भौतिक प्रभाव की सीमा की परिभाषा को स्पष्ट करे, जिसे प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक में पेश किया जाना है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित करने की कवायद की जा रही है कि एक उद्यम पर किसका नियंत्रण होगा।
एमसीए ने सरकारात्मक और नकारात्मक नियंत्रण की बात की है। नकारात्मक नियंत्रण में विशेष प्रस्ताव को रोक देने की क्षमता शामिल है, जो भौतिक प्रभाव को निर्धारित करेगा। समिति ने यह भी कहा है कि बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) को प्रभाव वाली स्थिति के दुरुपयोग के मामले में भी शामिल किए जाने की जरूरत है।
लूथरा ऐंड लूथरा लॉ ऑफिस इंडिया के पार्टनर जीआर भाटिया ने कहा कि कारोबार की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को दिशानिर्देशों या एफएक्यू के माध्यम से विधेयक की धारा 6 में कहा गया है कि नियंत्रण का मतलब भौतिक प्रभाव के इस्तेमाल की क्षमता से है।