भारत ने अबू धाबी के सॉवरिन वेल्थ फंड (एसडब्ल्यूएफ)-एमआईसी रेडवुड 1 आरएससी लिमिटेड को देश में दीर्घ अवधि के निवेश पर आयकर छूट देने की घोषणा की है। कंपनी को ढांचागत क्षेत्र में कुछ तय प्राथमिकता वाले खंडों में निवेश पर सरकार से यह सुविधा मिलेगी।
सरकार ने फरवरी में पेश चालू वित्त वर्ष के बजट में इस योजना की घोषणा की थी।
भारत में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश करने पर ब्याज, लाभांश और दीर्घ अवधि के पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) से शत-प्रतिशत छूट पाने वाला यह पहला सॉवरिन (संप्रभु) एसडब्ल्यूएफ होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को इस संबंध में विधिवत अनुमति दी। सरकार ने वित्त अधिनियम, 2020 के तहत ढांचागत क्षेत्र में 34 प्रमुख खंडों में सॉवरिन वेल्थ फंडों को उनके निवेश पर प्राप्त कुछ निश्चित आय को कर मुक्त रखने की घोषणा की थी। इन कुछ प्रमुख खंडों में होटल, शीत भंडारण सुविधाएं, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, गैस पाइपलाइन आदि शामिल हैं। इस योजना के तहत कर छूट का लाभ उठाने के लिए किसी इकाई को 31 मार्च 2024 से पहले कम से कम 3 वर्षों के लिए निवेश करना होगा।
यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 10 के उपखंड एफ ई के तहत दी गई है। इसके तहत ढांचागत क्षेत्र के कुछ खास खंडों में निवेश करने पर अधिसूचित एसडब्ल्यूएफ और पेंशन फंडों सहित कुछ खास इकाइयों को उनकी आय पर कर छूट दिए जाने का प्रावधान है।
इस बारे में एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अबू धाबी के एसडब्ल्यूएफ द्वारा 2 नवंबर 2020 को या इसके बाद लेकिन 31 मार्च 2024 को या इससे पहले किए गए कुछ खास खंडों में निवेश पर लाभांश, ब्याज या एलटीसीजी के रूप में अर्जित आय पर कर छूट का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए कुछ शर्तें जरूर पूरी करनी होंगी।’
इस योजना के तहत ढांचागत क्षेत्र में शामिल खंडों में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), टैक्सटाइल पार्क एवं कृषि बाजार, बिजली उत्पाद, पारेषण एवं वितरण और बंदरगाह और हवाईअड्डा शामिल हैं।
अन्य खंडों में स्टेडियम, पर्यटन, फूड पाक्र्स, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पाक्र्स एवं टेक्सटाइल पाक्र्स सहित थीम मार्क शामिल हैं। सरकार इस योजना के तहत ढांचागत क्षेत्र के इन खंडों में अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड या इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स के जरिये निवेश करने वाले निवेशकों को प्रोत्साहन देगी। सीबीडीटी ने जुलाई में इस योजना से जुड़ी विस्तृत अधिसूचना जारी की थी।
