इस साल की शुरुआत तेजी से फैलने वाले कोरोनावायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कारण एक गंभीर माहौल में हुई लेकिन अब हालात सामान्य होने के संकेत मिल रहे हैं। धीरे-धीरे कार्यालयों, रेस्तरां, होटल और शॉपिंग सेंटर में अधिक गतिविधियां देखी जा रही हैं। देश के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र ने सबसे पहले घर से काम करने (वर्क-फ्रॉम-होम) के मॉडल को अपनाया था और अब तक मजबूत तकनीकी समर्थन के चलते लगभग 96 प्रतिशत कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं लेकिन अब उन्हें कार्यालय में वापस लाने के तौर-तरीकों पर काम हो रहा है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में करीब 556,986 से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कंपनी आने वाले महीनों में अपने कर्मचारियों को कार्यालय में वापस बुलाने का विकल्प देख रही है। टीसीएस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) मिलिंद लक्कड़ ने कहा, ‘हम पहले से ही अपने सहयोगियों को अपने संबंधित कार्यालयों और शाखाओं में लौटने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।’
कंपनी का कहना है कि वह एक ऐसे मॉडल पर काम कर रही है जिसके लिए 25 प्रतिशत से अधिक सहयोगियों को किसी भी वक्त दफ्तर से काम करने की आवश्यकता नहीं होगी और उन्हें दफ्तर में 25 फीसदी से अधिक वक्त खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। लक्कड़ ने कहा, ’25/25 मॉडल के तहत पहले लोगों को दफ्तरों में वापस लाया जाएगा और फिर धीरे-धीरे दफ्तर और घर के हाइब्रिड मॉडल में काम करने की गुंजाइश बनाई जाएगी।’
इन्फोसिस के कार्यकारी उपाध्यक्ष, प्रमुख एचआर रिचर्ड लोबो का कहना है, ‘अगले कुछ हफ्तों में हमने पहले आवश्यक कर्मचारियों को ही दफ्तर में काम करने की इजाजत दी थी लेकिन अब हम उन प्रतिबंधों को कम करते हुए दफ्तर में स्वैच्छिक वापसी के अपने मॉडल पर हम काम करेंगे। भारत में इन्फोसस परिसरों और कार्यालयों (और बाहर के कार्यालयों) को जुलाई 2021 में ही स्वैच्छिक आधार पर कर्मचारियों के लिए खोला गया था।’ कंपनी एक-दूसरे से दूरी बरतने और संक्रमण के संपर्क का पता लगाने के लिए खाली जगहों का बेहतर इस्तेमाल करने के साथ ही कैंपस जोन का इस्तेमाल करेगी। स्पष्ट तौर पर आगे घर और दफ्तर दोनों ही जगहों से मिला-जुला रुझान है। लोबो ने कहा, ‘हम एक हाइब्रिड मॉडल की उम्मीद कर रहे हैं जिसमें 40-50 प्रतिशत कर्मचारी दफ्तर से काम करेंगे और इसके बाद ही दफ्तर में वापसी होगी। अगले 3-4 महीनों में अगर हालात स्थिर रहते हैं और संक्रमण दर कम होने के साथ ही टीकाकरण की दर अधिक होती है तब अधिक लोग दफ्तर में वापस आ जाएंगे। लेकिन हम आने वाले वर्ष के लिए एक हाइब्रिड तरीके से काम करने की उम्मीद करते हैं। लंबी अवधि के लिए भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है क्योंकि हालात बदलते रहते हैं और चीजें अभी ठीक होंगी।’
बेंगलूरु की कंपनी विप्रो ने अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को मार्च की शुरुआत तक दफ्तर में वापसी करने के लिए कहा है, हालांकि उन्हें हफ्ते में कुछ दिनों के लिए ही दफ्तर में आना होगा। कॉन्गिजेंट के कर्मचारी अप्रैल से स्वैच्छिक आधार पर दफ्तर से काम करेंगे। ओमीक्रोन मामलों में तेजी को देखते हुए जनवरी की शुरुआत में जेएसडब्ल्यू समूह ने अपने मुंबई के दफ्तर में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करना शुरू कर दिया था। लेकिन पिछले हफ्ते कर्मचारियों को एक सूचना दी गई कि अब कंपनी के दफ्तर में सभी कर्मचारी आएंगे।
आईटीसी के दफ्तर की मौजूदगी विभिन्न शहरों में स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर 30 प्रतिशत या उससे कम तक सीमित है। आईटीसी के कॉरपोरेट मानव संसाधन के प्रमुख अमिताभ मुखर्जी ने कहा, ‘हम समय-समय पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। यदि मौजूदा रुझान जारी रहता है तब अगले सप्ताह तक हमें दफ्तर में कर्मचारियों की उपस्थिति बढ़ानी होगी।’ जनवरी की शुरुआत में, आईटीसी ने अपनी नीति में संशोधन किया था और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई और कोलकाता में दफ्तर की मौजूदगी केवल अपवाद स्वरूप या आवश्यक होने पर ही थी। गुजरात में, मिलकर काम करने वाली जगह मुहैया कराने वाली कंपनी द एड्रेस की प्रॉपर्टी अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत में हैं जहां तीसरी लहर के दौरान लोगों की तादाद घटकर 33 फीसदी तक हो गई थी। द एड्रेस के संस्थापक यश शाह ने कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों में लोगों के यहां काम करने की दर 85 प्रतिशत तक थी और यह बेहतर हो रहा है।’
मुंबई में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आने वाले महीनों में सभी प्रतिबंधों को हटाने की योजना बना रही है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्र और राज्य के कोविड-19 कार्यबल से राज्य को जल्द से जल्द ‘मास्क मुक्त’ बनाने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में जानकारी मांगी है। बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से देश की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा अपने मुंबई के कॉरपोरेट मुख्यालय वाले दफ्तर में मध्य फरवरी तक हफ्ते में दो बार कर्मचारियों को आने की अनुमति दे रही है। इसके बाद हालात की समीक्षा करने के बाद नए फैसले किए जाएंगे। जीएसके ने भी अपने कॉरपोरेट ऑफिस में कर्मचारियों को काम करने की इजाजत दी है। ग्लेनमार्क तीन दिनों तक ऑफिस में काम करने के मॉडल पर अमल कर रही है। वहीं अहमदाबाद की कंपनी टॉरंट फार्मास्यूटिकल्स जरूरी एहतियात के साथ दफ्तर में काम करने पर अमल करना चाहती है।
मुंबई में कुछ बड़ी कंपनियों के कॉरपोरेट ऑफिस सभी कर्मचारियों के वापस दफ्तर बुलाने के लिए इतनी हड़बड़ी नहीं मचा रहे हैं जिनमें टाटा मोटर्स, महिंद्रा समूह, लार्सन ऐंड टुब्रो जैसी कंपनियां शामिल हैं।