facebookmetapixel
खुलने से पहले ही ग्रे मार्केट में धूम मचा रहा ये IPO, इस हफ्ते हो रहा ओपन; ऑनलाइन सर्विसेज में माहिर है कंपनीDII के मजबूत सहारे के बावजूद, FII के बिना भारतीय शेयर बाजार की मजबूती अधूरी क्यों है – जानिए पूरी कहानीBank Holidays: इस हफ्ते चार दिन बंद रहेंगे बैंक, पहले देख लें छुट्टियों की लिस्ट₹145 से ₹19,900 तक के टारगेट! ब्रोकरेज ने बताए 3 स्टॉक्स, टेक्निकल पैटर्न कर रहे हैं तेजी का इशाराStock Market Update: मजबूती के साथ खुले बाजार, 200 से ज्यादा अंक चढ़ा सेंसेक्स; निफ्टी 24800 के पारStocks To Watch Today: अदाणी पावर-भूटान डील, टाटा-महिंद्रा कारें हुईं सस्ती; जानें आज किन स्टॉक्स पर ध्यान देंसीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योग

SEZ इकाइयों को अब नहीं मिलेगी कर छूट, उत्पाद शुल्क विधेयक 2024 में बड़ा बदलाव

अगर इस मसौदे को लागू किया जाता है तो इससे एसईजेड में स्थित इकाइयों को कथित कर चोरी से रोका जा सकेगा और प्रोत्साहनों के दुरुपयोग पर लगाम लग सकती है।

Last Updated- June 05, 2024 | 10:44 PM IST
Net direct tax collection increased by 16% to Rs 16.90 lakh crore नेट डायरेक्ट टैक्स कलैक्शन 16% बढ़कर 16.90 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

केंद्र के प्रस्तावित केंद्रीय उत्पाद शुल्क विधेयक, 2024 के मुताबिक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में तैयार या विनिर्मित और भारत में किसी अन्य स्थान पर लाई गई उत्पाद शुल्क योग्य वस्तुओं को कर छूट नहीं दी जाएगी। विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा किसी वस्तु को अगर किसी छूट के योग्य पाया जाता है तो उसके लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी।

अगर इस मसौदे को लागू किया जाता है तो इससे एसईजेड में स्थित इकाइयों को कथित कर चोरी से रोका जा सकेगा और प्रोत्साहनों के दुरुपयोग पर लगाम लग सकती है। इस समय केंद्रीय उत्पाद शुल्क तंबाकू, कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर लगाया जाता है। वहीं ज्यादातर सामान वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में आते हैं।

एसईजेड इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन और कर लाभ दिए जाते हैं, जिसमें उन्हें केंद्रीय उत्पाद शुल्क के दायरे से बाहर रखा जाना शामिल है। मसौदा विधेयक में कहा गया है, ‘ केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क के योग्य वस्तु की किसी खास तरह से विनिर्माण या उत्पादन की प्रक्रिया की प्रकृति को पूरी तरह ध्यान में रखते हुए इस तरह की वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क में चोरी व अन्य चीजों पर भी नजर रखेगी। अधिसूचना में निर्दिष्ट वस्तुओं को लेकर कर संबंधी हितों की रक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा।’

उत्पाद शुल्क बास्केट में कुछ ही वस्तुएं हैं, लेकिन यह केंद्र व राज्यों दोनों के ही राजस्व की प्रमुख स्रोत होती हैं। इन वस्तुओं पर राज्य सरकारें राज्य जीएसटी न लगाकर मूल्यवर्धित कर यानी वैट लगाती हैं। वित्त वर्ष 2024 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क का संग्रह 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।

अन्य प्रमुख प्रस्तावों में नए विधेयक में उत्पाद शुल्क क्रेडिट की उपलब्धता के तरीके व इसके इस्तेमाल, शर्तों और प्रतिबंधों का खाका खींचा गया है। मौजूदा दौर में चल रहे सेनवैट क्रेडिट की जगह केंद्रीय उत्पाद शुल्क क्रेडिट का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें ड्यूटी क्रेडिट को लेकर विशेष प्रावधान हैं। मौजूदा अधिनियम के तहत भुगतान किए गए और इस्तेमाल न हुए क्रेडिट बैलेंस को प्रस्तावित मसौदा अधिनियम में संक्रमणकालीन क्रेडिट के रूप में स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई है।

विधेयक में केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारियों को कुछ विशेष अधिकार देने का भी प्रस्ताव है। उदाहरण के लिए इसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारियों द्वारा ऑडिट के लिए संरचित ढांचे का प्रस्ताव किया गया है। इस समय उत्पाद शुल्क अधिकारियों द्वारा कोई औपचारिक ऑडिट नहीं की जाती है।

शुल्कों की रिकवरी की समय सीमा भी मौजूदा 2 साल से बढ़ाकर 3 साल कर दी गई है। साथ ही पंजीकरण का दायित्व केंद्रीय उत्पाद शुल्क क्रेडिट का लाभ उठाने के इच्छुक व्यक्ति पर डालने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि, विभाग द्वारा शुल्क रिफंड की अनुमति देने की समयावधि मौजूदा 3 महीने से घटाकर 60 दिन करने का प्रस्ताव किया गया है।

ईवाई में पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और विनियमों को स्पष्ट करके विधेयक में कारोबारियों के लिए बेहतर वातावरण बनाने की कवायद की गई है। इस्तेमाल न किए गए धन के हस्तांतरण और शुल्क वसूली का समय बढ़ाने जैसे कुछ प्रस्तावों के माध्यम से सरकार ने उद्यमों के लिए सुचारु रूप से कामकाज की सुविधा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।’ इन कदमों से न सिर्फ अनुपालन सरल होगा बल्कि इससे कारोबार के प्रति मित्रवत और वृद्धि व नवोन्मेष के लिए सकारात्मक माहौल बनेगा।

First Published - June 5, 2024 | 10:44 PM IST

संबंधित पोस्ट