अर्थव्यवस्था

Service PMI: सेवा गतिविधियों में आई थोड़ी नरमी मगर इस वजह से तेजी कायम

HSBC द्वारा जारी और S&P ग्लोबल द्वारा संकलित किए सेवा क्षेत्र के हेडलाइन पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के आकड़े जून के 60.5 से थोड़ा गिरकर जुलाई में 60.3 हो गए।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- August 05, 2024 | 10:52 PM IST

भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि जुलाई में थोड़ी नरम पड़ गई मगर नए कारोबारी लाभ, ऑनलाइन पेशकश और प्रौद्योगिकी में निवेश से इसमें तेजी कायम है। एक निजी व्यवसाय सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है। एचएसबीसी द्वारा जारी और एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किए सेवा क्षेत्र के हेडलाइन पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के आकड़े जून के 60.5 से थोड़ा गिरकर जुलाई में 60.3 हो गए। मगर सूचकांक 50 अंक से ऊपर रहा जो लगातार 36वें महीने बढ़त दिखा रहा है।

असल में इस सर्वेक्षण में 50 से ऊपर आ आंकड़ा बढ़त और इससे नीचे का आंकड़ा गिरावट को दिखाता है। इसके अलावा, सर्वेक्षण के मुताबिक लागत का दबाव लगातार बढ़ रहा है और जुलाई में बिक्री मूल्य मुद्रास्फीति सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। हालांकि इस दौरान रोजगार सृजन के आंकड़े भी मजबूत रहे।

सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘जुलाई के दौरान भारतीय सेवा प्रदाताओं ने कारोबारी गतिविधियों में और तेजी दर्ज की। सर्वेक्षण में शामिल अधिकतर उत्तरदाताओं ने प्रौद्योगिकी में निवेश, नई पेशकश, नए कारोबारी लाभ और मांग में बढ़ोतरी को ही वृद्धि का प्रमुख कारण बताया। करीब दस वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तीसरा सबसे तेज विस्तार हुआ, जिससे नए ऑर्डर में मजबूती मिली और स्थायी एवं अंशकालिक कामगारों की भर्ती को दम मिला।’

सर्वेक्षण में कहा गया है कि उच्च वेतन और सामग्री लागत से कारोबारी खर्चों में वृद्धि बरकरार है और जून से मुद्रास्फीति की समग्र दर में तेजी आई है। सर्वे में कहा गया है, ‘मजबूत लागत दबाव और सकारात्मक मांग रुझानों ने सेवाओं के प्रावधान के लिए लिए जाने वाले शुल्क में सात वर्षों में सबसे तेज वृद्धि की।’

First Published : August 5, 2024 | 10:52 PM IST