अर्थव्यवस्था

​खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी, औद्योगिक उत्पादन में तेजी

मई में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) बढ़कर 5.9 फीसदी पर पहुंच गया, जो 7 महीने में इसका सबसे ऊंचा आंकड़ा रहा।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- July 12, 2024 | 11:51 PM IST

खुदरा मुद्रास्फीति अभी तक नरमी बरत रही थी मगर खाने-पीने की वस्तुओं के दाम एकाएक बढ़ने से जून में यह भी उछल पड़ी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर चलने वाली यह महंगाई जून में 5.08 फीसदी पर पहुंच गई, जो चार महीने में इसका सबसे ऊंचा आंकड़ा है।

मगर महंगाई की चोट पर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों ने कुछ मरहम लगाया है। मई में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) बढ़कर 5.9 फीसदी पर पहुंच गया, जो 7 महीने में इसका सबसे ऊंचा आंकड़ा रहा। इससे पहले अप्रैल का आईआईपी आंकड़ा घटाकर 5.4 फीसदी कर दिया गया था।

आईआईपी का पिछला उच्च स्तर अक्टूबर 2023 में 11.9 फीसदी था। राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक जून में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 9.36 फीसदी हो गई, जो मई में 8.69 फीसदी ही थी। इसका कारण अनाज के दामों में 8.75 फीसदी, फलों में 7.15 फीसदी और सब्जियों के भाव में 29.32 तेजी आना रहा।

हालांकि दालों के भाव 16.07 फीसदी ही बढ़े, जो मई के मुकाबले कम वृद्धि है मगर अब भी इनके भाव में इजाफा दो अंकों में हुआ है।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श​क्तिकांत दास ने कल ही कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति अब भी 4 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर है और ब्याज दरों में कटौती की बात करना अभी जल्दबाजी होगी।

समाचार चैनल सीएनबीसी पर साक्षात्कार में दास ने कहा था, ‘मई में खुदरा मुद्रास्फीति 4.7 फीसदी रही थी। तमाम सर्वेक्षणों के मुताबिक जून में यह 5 फीसदी के करीब रह सकती है। इसलिए जब मुद्रास्फीति 5 फीसदी है और हमारा लक्ष्य उसे 4 फीसदी पर लाने का है तो मुझे लगता है कि ब्याज दरों में कटौती पर बात करने का अभी कोई मतलब नहीं है।’

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और बाकी दुनिया का आर्थिक माहौल देखते हुए ब्याज दर में कटौती की बात करना अनिश्चितता भरा होगा। दास ने कहा, ‘मैं आगे के लिए ऐसा कोई संकेत नहीं देना चाहता, जिससे बाजार के भागीदार और अन्य पक्ष किसी भ्रम के शिकार हो जाएं।’

औद्योगिक उत्पादन की बात करें तो मई में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 4.6 फीसदी और बिजली का उत्पादन 13.7 फीसदी बढ़ा। मगर खनन क्षेत्र के उत्पादन में थोड़ी सुस्ती दिखी। मई में पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 2.5 फीसदी रह गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 8.1 फीसदी थी।

कंज्यूमर ड्यरेबल्स का उत्पादन मई 2024 में 12.3 फीसदी बढ़ा, जबकि मई 2023 में इसमें 1.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 5.4 फीसदी वृद्धि हुई जो एक साल पहले इसी अवधि में 5.1 फीसदी थी।

First Published : July 12, 2024 | 10:21 PM IST