अर्थव्यवस्था

Repo rate: RBI नीतिगत दर में अगले साल जुलाई के बाद करेगा कटौती, महंगाई तय करेगी फैसला

Icra ने कहा कि नीतिगत दर रेपो में वृद्धि तभी संभव है जब लगातार दो तिमाहियों में खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर बनी रहती है

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ए के भट्टाचार्य   
Last Updated- August 14, 2023 | 8:48 PM IST

घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा (Icra) ने सोमवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अगले साल जुलाई-सितंबर तिमाही में ही नीतिगत दर में कटौती किए जाने की उम्मीद है।

एजेंसी ने यह भी कहा कि नीतिगत दर रेपो में वृद्धि तभी संभव है जब लगातार दो तिमाहियों में खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से ऊपर बनी रहती है।

इक्रा ने कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति के ताजा अनुमान के अनुसार, महंगाई दर वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में पांच प्रतिशत से ऊपर रहेगी। इसके आधार पर हमने नीतिगत दर में कटौती के पहले के अनुमान को आगे बढ़ाकर 2024-25 की दूसरी तिमाही कर दिया है।’

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों तथा अन्य खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) जुलाई में उछलकर 15 महीने के उच्चस्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।

Icra की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘अगस्त, 2023 की शुरुआत में खाद्य मुद्रास्फीति का आंकड़ा बहुत आशाजनक नहीं है। हमारा अनुमान है कि अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत से ऊपर होगी। सितंबर में ही इसमें उल्लेखनीय रूप से नरमी आने की उम्मीद है।’

उन्होंनें कहा कि जुलाई में सब्जियों के साथ दाल, मसाले और अनाज के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। नायर ने कहा कि अगर सब्जियों के असर को बाहर कर दिया जाए, खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर आ जाएगी और अपेक्षाकृत संतोषजक स्थिति होगी।

First Published : August 14, 2023 | 8:48 PM IST