प्रतीकात्मक तस्वीर
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कल मौद्रिक नीति समिति की जून बैठक की समीक्षा की घोषणा में सभी की निगाहें नीति को लेकर नियामक के रुख पर टिकी हैं। साथ ही यह भी इंतजार है कि महंगाई दर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक ब्याज दरों में और कितनी कटौती करता है।
इसके पहले फरवरी और अप्रैल में हुई बैठकों में मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रीपो दर में 25-25 आधार अंक की कटौती की थी। व्यापक तौर पर यह उम्मीद की जा रही है कि दरें तय करने वाली समिति कल दर में 25 आधार अंक की कटौती करेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘टर्मिनल रेट 5.5 प्रतिशत पर स्थिर होने की उम्मीद है। हाल के जीडीपी के आंकड़ों के बावजूद रिजर्व बैंक अपने वृद्धि अनुमान को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है।’
जनवरी-मार्च के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि 7.4 प्रतिशत थी, जो आम अनुमान से ज्यादा है। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा, ‘टर्मिनल रेट 5.25 प्रतिशत पर स्थिर होने की उम्मीद है। जीडीपी की चौथी तिमाही के आंकड़ों के बाद रिजर्व बैंक द्वारा नरम रुख अपनाए जाने की संभावना नहीं है, लेकिन वृद्धि को लेकर नियामक ने सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है। उदार रुख के साथ नीतिगत दर में 25 आधार अंक की कटौती संभवतः विकास की चिंता के बजाय महंगाई दर में कमी के कारण होगी।’