राम मंदिर से बढ़ी कारोबार की लौ; उद्घाटन से पहले मंदिर मॉडल, जय श्रीराम लिखे झंडों की बढ़ी मांग

जो लोग रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं, वे अपनी आस्था दिखाने के लिए घरों में झंडे लगा रहे हैं और राम मंदिर के मॉडल भी रख रहे हैं।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- December 29, 2023 | 3:09 PM IST

मंदिरों के मॉडल बनाने और बेचने वाले सहारनपुर के कारोबारी रवि शर्मा कुछ समय पहले तक व्यापार मंदा चलने की बात कह रहे थे और आज उनके पास सांस लेने की भी फुरसत नहीं है। रवि मंदिरों के लकड़ी से बने मॉडल बनाकर बेचते हैं। सुस्त कारोबार के बीच उन्हें नवनिर्मित राम मंदिर के मॉडल बनाने का ख्याल आया। शुरू करते ही उनके पास इतने ऑर्डर आने लगे कि पूरे करना मुश्किल हो गया।

दिल्ली के सदर बाजार में झंडों का कारोबार करने वाले लक्ष्य नागपाल भी भगवान राम के चित्र और ‘जय श्रीराम’ का नारा लिखे झंडों और पटकों के ऑर्डर पूरे करने में जुटे हैं।

अयोध्या में अगले साल 22 जनवरी को खुलने वाले राम मंदिर के कारण कई कारोबारियों और उद्यमियों के दिन बहुर गए हैं। जो लोग रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं, वे अपनी आस्था दिखाने के लिए घरों में झंडे लगा रहे हैं और राम मंदिर के मॉडल भी रख रहे हैं। कारोबारी इसी आस्था को भुनाने में जुट गए हैं।

उनका कहना है कि अयोध्या ही नहीं देश भर के शहरों में मंदिर के मॉडल, झंडे, पटके, बैनर आदि बन रहे हैं। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक राम मंदिर के उद्घाटन से देश भर में अगले महीने 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है।

अभी तक केदारनाथ, बदरीनाथ आदि मंदिरों के लकड़ी के मॉडल बनाने वाले रवि का कहना है कि राम मंदिर का उत्साह कम से कम 1 साल तक ऐसे ही चलेगा, इसलिए उनका कारोबार भी खूब बढ़ेगा। उनके पास अभी तीन मशीनें हैं, जिनसे रोजाना 600 मंदिर बन रहे हैं मगर रोज 1,500 से 2,000 मॉडल बनाने के ऑर्डर हैं। इन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने 5 मशीनें और मंगाई हैं। उनके मॉडलों की कीमत 100 रुपये से 1,500 रुपये तक है।

सहारनपुर में ही आलिया आर्ट ऐंड क्राफ्ट के नदीम मलिक राम मंदिर को काष्ठ कला उद्योग के लिए बड़ी नेमत मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस साल निर्यात की मांग बेहद सुस्त होने से सहारनपुर का यह उद्योग बहुत परेशान था मगर राम मंदिर ने किस्मत बदल दी।

मलिक को हरिद्वार से 2,000 राम मंदिर मॉडल बनाने का ऑर्डर आज ही मिला है। वह कहते हैं, ‘पिछले कुछ दिन से रोजाना हजारों की तादाद में मॉडल बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं मगर हम एक दिन में 150 से 200 मॉडल ही बना सकते हैं। अयोध्या पहुंचने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के साथ ही भविष्य में मांग कई गुना बढ़ सकती है। उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें सरकार से आर्थिक मदद मिलनी चाहिए।’

दिल्ली के कारोबारी विजय पाल बताते हैं कि कारोबारी संगठन बड़ी तादाद में मॉडल के ऑर्डर दे रहे हैं। उन्हें 10,000 से अधिक राम मंदिर मॉडल के ऑर्डर मिल चुके हैं। उन्हें लगता है कि एक साल में करीब 10 लाख राम मंदिर मॉडल बनवाने का ऑर्डर तो उनके पास से ही कारीगरों को जाएगा।

इतनी भारी तादाद देखकर उन्होंने उत्तर प्रदेश के साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक आदि राज्यों में काष्ठ शिल्पियों को ऑर्डर देना शुरू कर दिया है। पाल बताते हैं कि सबसे ज्यादा मांग 4 इंच से 12 इंच के मंदिरों की है, जिनकी कीमत 125 रुपये से 700 रुपये तक है।

मुरादाबाद में निजाम मेटलवेयर के शुएब शम्सी राम मंदिर के पीतल और लकड़ी दोनों से बने मॉडल बेच रहे हैं। शम्सी बताते हैं कि उनके पास 2 इंच से लेकर 2 फुट के मॉडल हैं। पीतल वाले मॉडल की कीमत 1,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक है और लकड़ी वाला राम मंदिर मॉडल 300 रुपये से 10,000 रुपये का है। वह बताते हैं कि उनके पीतल के मॉडलों के भी काफी ऑर्डर आ रहे हैं।

दिल्ली के सदर बाजार में झंडों का बड़ा बाजार है। यहां के व्यापारियों को कारोबारी और नेता 500 से 2,000 तक झंडों और पटकों के ऑर्डर दे रहे हैं। लोग सामाजिक कार्यक्रमों में बांटने के लिए भी ‘जय श्रीराम’ लिखे झंडे ले रहे हैं। इन झंडों की कीमत 8 रुपये से लेकर 250 रुपये तक है। गाड़ी पर लगाने वाला झंडा 8 रुपये में मिल रहा है। पटका 5 रुपये से लेकर 50 रुपये में मिल रहा है। झंडा कारोबारी अनिल भाई ने बताया कि राम मंदिर के उद्घाटन तक 4 से 5 लाख झंडे बिकने की उम्मीद है।

First Published : December 28, 2023 | 11:23 PM IST