अर्थव्यवस्था

क्यों टिकीं दुनिया की नजरें? भारत-रूस की बैठक में हो सकते हैं हाई-प्रोफाइल सौदे

अमेरिकी प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि में हो रहे भारत-रूस शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहयोग मुख्य केंद्र में रहेंगे।

Published by
यश कुमार सिंघल   
Last Updated- December 04, 2025 | 8:40 AM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए गुरुवार से दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं। यह सम्मेलन अमेरिका द्वारा भारत पर रूसी ऊर्जा आयात के प्रतिबंध की छाया में हो रहा है। इसलिए व्यापार, ऊर्जा एवं रक्षा सौदों के लिहाज से यह बेहद महत्त्वपूर्ण है। वार्ताओं में इन्हीं मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

वित्त वर्ष 26 (अप्रैल-सितंबर) में रूस को भारत का निर्यात 2.24 अरब डॉलर का रहा, जो इसके कुल निर्यात का 1 प्रतिशत से थोड़ा ही अधिक है। दूसरी ओर इसी अवधि में रूस से भारत का आयात 31.11 अरब डॉलर का रहा, जिसमें पेट्रोलियम तेल कुल आयात का लगभग तीन-चौथाई है। कुल मिलाकर रूस ने भारत के माल आयात बिल में 8.26 प्रतिशत का योगदान दिया है।

बैठक के दौरान रक्षा खरीद, विशेष रूप से सुखोई-57 और एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों से संबंधित बातचीत हो सकती है। स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) आर्म्स ट्रांसफर डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार भारत की हथियार आयात के लिए रूस पर निर्भरता 2024 में 40 प्रतिशत रह गई है।

First Published : December 4, 2025 | 8:40 AM IST