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मंजूरी के पेच में पीएम विश्वकर्मा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समक्ष ऋण के 13.9 लाख आवेदन जमा हुए थे लेकिन उनमें से मात्र 3.9 लाख आवेदन स्वीकृत हुए।

Last Updated- April 14, 2025 | 10:41 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर

पीएम विश्वकर्मा योजना को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) से कम ऋण मंजूरी के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह योजना भारत के अनौपचारिक क्षेत्र के कारीगरों को वित्तीय मदद देने और उनके कौशल विकास के लिए लाई गई है। इस मामले के जानकार वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार मात्र 28 फीसदी आवेदकों को मंजूरी मिली है।

यह योजना साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर कारीगरों के लिए शुरू की गई थी। इन कारीगरों में लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई और मूर्तिकार शामिल हैं। इसमें 2023-24 से 2027-28 के लिए 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समक्ष ऋण के 13.9 लाख आवेदन जमा हुए थे लेकिन उनमें से मात्र 3.9 लाख आवेदन स्वीकृत हुए। इन आंकड़ों ने आवेदन और ऋण वितरण में खासा अंतर को उजागर किया।

एक अधिकारी ने बताया, ‘शेष 7.77 लाख आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिए गए। इन कारणों में ऋण के बेमेल कारण, आवेदकों की पहचान नहीं होना और पहले भी ऋण चूक करने वाले आवेदक थे। अन्य 1,57,000 आवेदन योजना के मानदंडों पर खरे नहीं उतरे थे। करीब 1,58,000 कारीगरों ने उपलब्ध किए जाने वाले ऋण को लेने से मना कर दिया था।’

अधिकारियों ने बताया कि हालांकि 80 फीसदी आवेदकों का पता लगाया जा सका है। इनमें से 60 प्रतिशत को ऋण की जरूरत थी, इसके बावजूद बैंकों ने इन आवेदनों को खारिज कर दिया था। निरस्त किए जाने की दर ने जांचने की प्रक्रिया और सुधार की जरूरत को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘कोई भी आवेदन बैंक शाखा के स्तर पर निरस्त नहीं किया जाना चाहिए। निरस्त किए गए आवेदनों की अनिवार्य रूप से पुन: समीक्षा हो। बैंकों को निरस्त किए गए आवेदनों की फिर से जांच करनी चाहिए। बैंक के शाखा प्रबंधकों से उम्मीद की जाती है कि वे आवेदकों के साथ पुन: संपर्क कर प्रत्येक विकल्प पर विचार करें।’ लिहाजा सरकार परिचालन संबंधी बदलावों पर विचार कर रही है।

अधिकारी ने बताया, ‘ब्याज अनुदान डेटा को अपलोड करने के मौके चार बार से ज्यादा होने चाहिए। मासिक दावे जमा करने की समयसीमा अगले महीने की छह तारीख से बदल कर दस तारीख कर दी जानी चाहिए।’

अधिकारी ने बताया कि पोर्टल से मुख्य बैंकिंग के अधिक आंकड़ों का इस्तेमाल किए जाने का प्रस्ताव है। जैसे ऋण वितरण की जानकारी, बंद होने की तिथि, गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की स्थितियां और वितरित धन।

First Published - April 14, 2025 | 10:32 PM IST

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